संकलन -कविता कवंर राठौड़
भारत में गणतंत्र दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। जैसा की आप सभी को पता है भारत देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली लेकिनब उस समय हमारा संविधान नही लागू था और 26 जनवरी 1950 को ही हमारा संविधान लागू किया गया और इसी दिन भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बना इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
सारनाथ में बने अशोक स्तंभ को भारत का राष्ट्रीय चिन्ह भी 26 जनवरी 1950 को ही घोषित किया गया।
कब लागू हुआ संविधान 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था कहां होती है परेड गणतंत्र दिवस की परेड हर वर्ष राजपथ पर की जाती है। शुरुआती चार माल 1950 में 1954 तक पटेड अलग अलग जगह इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और टामलीला मैदान में हुई थी। झांकियां गणतंत्र दिवस पर सभी झाकियों के 5 किलोमीटर प्रति घंटा की हफ्तार से चलाया जाता है और झांकियों के ड्राइवर के लिए थोड़ी सी देखने की जगह होती है। विमानों का करतब राजपथ को गणतंत्र दिवस समारोह परेड में वायुसेना के 41 विमान भाग लेते हैं जो तिरंगा झंडा बनाकर अपने करतब दिखाते है। कितना खर्च एक RTI में जब पूछा गया की 26 जनवरी के आयोजन में कितने र खर्चा होते हैं तो सरकार ने कहा 2014 में 2320 करोड़ इसमें खर्च हो गए थे। 21 तोपो की सलामी अमल में 21 तोप की सलामी ने सिर्फ 7 तोप ही शामिल होती है जिनमें प्रत्येक तोप से 3 राउंड फायरिंग की जाती है। 26 जनवरी दिन का महत्व ● भारत के तीन अवकाशों में से एक 26 जनवरी को हर साल हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए भी चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण वराज घोषित किया था 1950 में इसी दिन 10:18 मिनट पर भारतीय संविधान लागू किया गया था और इसके 6 मिनट बाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाऊस में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी 3 दिन चलता है समारोह (शायद आपको ना पता हो कि गणतंत्र दिवस समारोह 3 दिन तक चलता है। 29 जनवरी को विजय चौक पर का आयोजन करके गणतंत्र दिवस का समापन किया जाता है।
🌾 गणतंत्र दिवस पर निबंध
भारत में तीन राष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं स्वतंत्रता दिवस गणतंत्रता दिवस और गांधी जयंती इन तीनों का ही राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।
हर साल गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा यह 73 वा गणतंत्र दिवस होगा। गणतंत्रता दिवस मनाने का उद्देश्य हमारे देश का संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया और इससे पहले भी इसका इतिहास 26 जनवरी से जुड़ा हुआ है।
31 दिसंबर 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर धरना पर आते हुए पूर्ण स्वाधीनता दिवस 26। जनवरी को मनाने की घोषणा की। जिस कारण इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 3 साल तक 26 जनवरी को पूर्ण स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता रहा और उसके बाद इसी दिन का महत्व बनाए रखने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू कर इसे गणतंत्र दिवस के रूप में लागू कर दिया गया।
गणतंत्रता दिवस के मौके पर जो परेड होती है वह विजय पथ से शुरू होकर इंडिया गेट तक चलती है जिसमें थलसेना वायुसेना और थलसेना तीनों सेनाएं राष्ट्रपति को सलामी देती है और अपने हथियारों के साथ शौर्य प्रदर्शन करती है।
गणतंत्र का अर्थ होता है कि देश का मुखिया संविधान द्वारा निर्मित होगा और वह वंशानुगत ना होकर लोगों द्वारा चुना जाएगा इसी अनुसार भारत का राष्ट्रपति वंशानुगत ना होकर लोगों द्वारा चुना जाता है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
बात तब की है, जब 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर में वार्षिक अधिवेशन चल रहा था, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। जिसमे एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसकी शर्तें निम्न प्रकार थी।
अगर 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश घोषित किया जाए और उसके बाद थोड़े समय में हमे पूर्णत: स्वतंत्र किया जाए।
31 दिसंबर 1929 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर पहली बार तिरंगा झंडा फहरा कर 26 जनवरी 2030 को पूर्ण स्वाधीनता दिवस मनाने का फैसला लिया।
1947 में देश आजाद हो जाने के बाद भी 26 जनवरी को पूर्णता स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा लेकिन इस दिन के महत्व को और बनाने के लिए 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू करके संविधान निर्मात्री समिति ने सभी लोगों को अच्छा अवसर दिया।
गणतंत्र दिवस का महत्व
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा ने भारत शासन अधिनियम 1935 को खत्म कर दिया और भारत को गणतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया।
इसी दिन भारत एक संप्रभु राष्ट्र बना और लोकतांत्रिक गणराज्य की उपाधि हासिल की।
गणतंत्र दिवस के दिन ही सभी लोगों को बराबरी का अधिकार और नयायवादी सरकार मिली।