रांची ( झारखंड ) – ओम एक्सप्रेस
कभी न अस्त होने वाले सूर्य का दंभ भरने वाली अंग्रेजी राज सत्ता बिरसा मुंडा के महज 25 साल के उम्र में इस युवक की अद्भुत साहस और तेज से घबरा उठती थी ।यही कारण है की 9 जून 19 00 इसवी मे बिरसा मुंडा के अंतिम सांस लेते हैं अंग्रेजी हुकूमत ने रातो रात डिस्टलरी पुल के पास आनन-फानन में उनका दाह संस्कार कर दिया ।
आदिवासी क्षेत्रों में पारंपरिक शस्त्र द्वारा युवाओं का समूह बनाकर अंग्रेज के खिलाफ एक लड़ाकू जत्था जहां चाह बिरसा मुंडा ने तैयार की थी जो अंग्रेजों को भया क्रांत करने के लिए काफी था । उलीहातू से लेकर डोंबारी बुरु, सराय किला चाईबासा यहां मध्य प्रदेश के जंगलों में बिरसा मुंडा विख्यात थे l 117 साल बाद भी सभी आदिवासी इलाकों में जल जंगल जमीन को लेकर बिरसा मुंडा के गीत को गाया जाता है ।आदिवासी समूह बिरसा मुंडा को भगवान का स्वरूप मानते हैं

