बीकानेर। आवारा पशुओं की समस्या का निस्तारण हो या नहीं हो लेकिन चुनावी समय होने की वजह से कई नेता इस मुद्दे को लेकर अपना राजनीतिक कैरियर चमकाने की कोशिश में लगे नजर आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ आज यहां देखने को मिला। दरअसल, उपमहापौर अशोक आचार्य और भाजपा के कई पार्षदों ने आज मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आवारा पशुओं को पकड़वा कर गोशाला भिजवाने में महापौर और निगम प्रशासन पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं। जबकि 27 जुलाई को यहां आईं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने महापौर नारायण चौपड़ा व कलक्टर डॉ. एनके गुप्ता को समय निर्धारित करते हुए आवारा पशुओं की समस्या को खत्म करने की हिदायत दी थी।

भाजपा पार्षदों ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से दी गई समयावधि समाप्त हो गई लेकिन आवारा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। शहर में आवारा पशुओं की वजह से पिछले दिनों में कई हादसे भी हो चुके हैं, जिनमें एक जना काल का ग्रास बना है और कई घायल होकर अस्पताल पहुंचे हैं। आवारा पशुओं का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब शहर के बाशिन्दें खुदकुशी करने की बात कहने लगे हैं।


उन्होंने कहा कि महापौर की अनदेखी और बिगड़ते हालात को देखते हुए यूआईटी अध्यक्ष महावीर रांका से इस समस्या के समाधान का निवेदन किया गया। जिस पर न्यास अध्यक्ष ने रामलाल सूरजदेवी रांका चेरिटेबल ट्रस्ट और मस्त मंडल सेवा संस्थान के माध्यम से इस समस्या के निस्तारण का बीड़ा उठाया है।
भाजपा पार्षदों ने कहा कि महापौर के रवैये की वजह से पार्टी की फजीहत हो रही है। जबकि न्यास अध्यक्ष ने अभी हाल ही में निश्चित अवधि में सूरसागर को पुराने वैभव में लाकर पार्टी का मान बढ़ाया है। भाजपा के प्रति लोगों में अच्छा संदेश जाए, लोगों का भरोसा पार्टी पर बरकरार रहे, इसलिए भाजपा पार्षदों ने अपनी पार्टी के नेता न्यास अध्यक्ष को इस समस्या के समाधान के लिए आग्रह किया है।(PB)

You missed