बीकानेर(मुकेश पूनिया)। बजरी की लीज और रॉयल्टी ठेके निरस्त होने के बाद बीकानेर में बजरी की कालाबाजारी ने दुगुनी रफ्तार पकड़ ली है और बजरी माफिया मालामाल हो रहे है। पुलिस की चौकसी के बावजूद यहां हो रही बजरी की कालाबाजारी के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है। वहीं बजरी खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये जिम्मेदार खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अफसर भी मूकदर्शी बने अपनी जेबें गर्म करने में जुटे है। हाईकोर्ट की पाबंदी के बाद बजरी की मांग बढ जाने के कारण कालाबाजरी में जुटे बजरी माफिया सरकार को हर रोज लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। गौरतलब रहे कि राज्य सरकार को बजरी की लीज से अकेले बीकानेर से प्रतिदिन करीब बीस लाख रुपए का राजस्व मिलता था।

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की फटकार के बाद बजरी की लीज और रॉयल्टी नाकों को पिछले महिनें निरस्त कर दिया। इसके बाद जिला कलक्टर डॉ.एनके गुप्ता ने यहां बजरी की कालाबाजारी पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिये सख्त हिदायत देने के साथ पुलिस और खान एवं भू विज्ञान समेत चार विभाग संयुक्त टीम गठित कर रखी है इसके बावजूद बजरी की कालाबाजारी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। माफिया आधी रात के बाद बजरी से भरे सैंकड़ों डंपर और ट्रोले रवाना कर रहे हैं। पुख्ता खबर है कि इस अवैध गोरखधंधे को रोकने के लिए बीकानेर जिले के गजनेर, नाल, जामसर तथा बीछवाल पुलिस थानों की सीमा लगती है। इसके बावजूद बजरी माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कलक्टर की ओर से गठित संयुक्त टीम पर सवालियां निशान लगना लाजमी है।


पंगू बने है जिम्मेदार अफसर-बजरी के खनन एवं परिवहन पर हाईकोर्ट की रोक के बाद खान सचिव अपर्णा अरोड़ा ने सभी कलेक्टर को हाईकोर्ट के आदेश की पालना करने और बजरी का स्टॉक जमा करने वाले बिल्डर्स के खिलाफ भी कार्यवाही करने के लिए कहा है। कलेक्टर की ओर से गठित एसआईटी स्टॉक की गई बजरी की जांच की जांच करेगी और अवैध पाए जाने पर बिल्डर्स के खिलाफ कार्यवाही करेगी। लेकिन बीकानेर में सक्रिय बजरी माफियाओं और भवन निर्माण ठेकेदारों ने यहां कई जगहों पर बजरी की अवैध स्टाकिंग कर रखी है,इसकी पुख्ता जानकारी के बावजूद खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अधिकारी कार्यवाही के मामले में पंगू बने हुए है।

जितनी चाहिए उतरी मंगवा देगें-बीकानेर में जिला कलक्टर के निर्देश पर अवैध बजरी खनन के खिलाफ अभियान खानापूर्ति बनकर रह गया है। खान विभाग की टीमें कार्रवाई से कतरा रही हैं,बजरी के अवैध स्टॉक और अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई से परहेज किया जा रहा है । सोमवार की रात हमारे रिपोर्टर ने गंगाशहर रोड़ पर हरियाणा होटल के पास बन रहे बहु मंजिला कॉम्पलेक्स के पास बड़ी मात्रा में बजरी ढेर देखकर मौके पर मौजूद ठेकेदार बजरी के बारे में पूछा तो उसने दो टूक शब्दों में कहा कि बजरी की कोई कमी नहीं है जितनी चाहिए उतनी मंगवा देगें। इससे अच्छी तरह समझा जा सकता है कि दाल में कुछ काला नहीं, पूरी दाल ही काली है। इस हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ होने के बावजूद प्रशासन, खनिज व पुलिस के आला अधिकारी मुंह फेर बैठे हैं। बजरी माफियाओं ने यहां राजमार्गो के आस पास कई ठिकाने बनाकर बजरी की भारी स्टाकिंग शुरू कर रखी है,जो रात के अंधेरे ट्रेलरों और डंफरों के जरिये अपने ठिकानों पर बजरी की स्टॉकिंग करते है और दिन के उजाले में कार्रवाई से बचने के लिए ट्रेक्टर ट्रालियों से सप्लाई कर देते है।
नजर क्यों नहीं आते बजरी के ढेर-सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद शासन-प्रशासन बजरी के अवैध खनन पर अंकुश का दावा कर रहा है। उसके बाद भी निजी और सरकारी भवनों के निर्माण धड़ल्ले से चल रहे है,जहां बजरी के लगे ढेर शासन प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों को नजर नहीं आते। बजरी माफिया यहां दिन रात बजरी खनन कर खुले आम अवैध खनन से लाखों रुपयों की वसूली कर रहे है। दिन रात जेसीबी, डंपर के साथ ट्रैक्टर व ट्रकों से बजरी को भर कर तिगुने और चौगुने दामों पर बेचा जा रहा है। इस रोक का फायदा बजरी माफिया को ही हुआ है। उन्हें अब इस धंधे में ज्यादा कमाई मिलने लगी है।