बीकानेर। छात्र किसी विषय की उपाधि लेता है तो ये उसके जीवन के अगले पड़ाव का क्षण होता है। जिसके आधार पर अपनी आगामी मंजिल तय करता है। आज आवश्यकता है कि विद्यार्थी अर्जित ज्ञान तथा तकनीक का उपयोग इंसान की बुनियादी जरूरत की पूर्ति के लिये करें। उन्नत तकनीकी से समाज का निर्माण में संभव है। ये उद्गार सीपीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर बी के मीणा ने सीईटी कॉलेज में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारक विद्यार्थी मानवीय जीवन में सुधार की तकनीक अपनाकर अपनी छिपी हुई क्षमता को पहचाने और उसको राष्ट्र हित में विकसित करें। मीणा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक लक्ष्य होता है। वह लक्ष्य को तभी पा सकता है जब उसके मन में संवेदना भी हो। विवेक, ज्ञान और सामथ्र्य भर से लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायरेक्टर प्राचार्य डॉ संजय कुमार बंसल ने कहा कि आज की पीढ़ी के पास सूचनाएं हैं यदि समर्पण और अनुशासन के साथ उनका उपयोग किया जाय तो वह कैरियर के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती हैं। आज आवश्यकता है कि ज्ञान एवं दक्षता में समन्वय स्थापित कर अवसरों का लाभ लिया जाय। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ज्ञान अर्जित कर उसे समाज को अर्पित करें यह एक नागरिक के नाते उनकी महत्वपूर्ण सहभागिता होगी। इस मौके पर करीब 108 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रकाश सिंह,सीसीए वाई एन सिंह,गणित विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश एम जोशी,चीफ प्रोजेक्टर राकेश परमार ने विचार रखे।

डिग्री को लेकर बना रहा संशय
आरटीयू की कुछ डिग्रियों से दो मुख्य सिक्योरिटी फीचर गायब होने को लेकर समारोह के दौरान चर्चा बनी रही। डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थी डिग्री हासिल करने के बाद अपनी डिग्री को खंगालते नजर आये और एक दूसरे से इस बात की प्रमाणिकता लेने का प्रयास करते रहे कि मेरी डिग्री में संबंधित फीचर है या नहीं। सीईटी में हुए समारोह में भी बंटी डिग्रियों के फ्रंट में स्टूडेंट्स की फोटो में सिक्योरिटी लेयर गायब है। बैकसाइड में होने वाले वीसी के साइन भी नहीं हैं।(PB)