बीकानेर। शादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान डॉ एल पी तैस्सितोरी की 99वीं पुण्यतिथि पर दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन तैस्सितोरी अवार्ड अर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष का तैस्सितोरी अवार्ड राजस्थानी भाषा की विद्वान डॉ प्रकाश अमरावत को अर्पित किया गया। संस्था के सचिव डॉ मुरारी शर्मा ने बताया कि अम्बेडकर सर्किल स्थित बीकानेर लेबोरेट्री वरिष्ठ नागरिक समिति कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ महेन्द्र खडगावत थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सतीश कौशिक ने की।

प्रारंभ में स्वागत भाषण वरिष्ठ संगीतज्ञ डॉ मुरारी शर्मा ने किया। दो दिवसीय कार्यक्रम के संयोजक कवि – कथाकार राजेन्द्र जोशी ने संयोजकीय व्यक्तव्य में कहा कि तैस्सितोरी ने बीकानेर में रहकर राजस्थानी भाषा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया तैस्सितोरी द्वारा राजस्थानी भाषा में किये काम काम को गति देने के उद्देश्य से हर वर्ष राजस्थानी भाषा के विद्वान को तैस्सितोरी अवार्ड से सम्मानित किया जाता है उसी कड़ी में इस वर्ष का तैस्सितोरी अवार्ड महिला राजस्थानी भाषा की विद्वान डॉ प्रकाश अमरावत को अर्पित किया गया है राजस्थानी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रकाश अमरावत ने भाषा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। जोशी ने बताया कि इससे पहले तक छ: राजस्थानी विद्वानों को तैस्सितोरी अवार्ड से सम्मानित किया गया है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ खडग़ावत ने कहा कि तैस्सितोरी के काम को शोधकर्ताओं तक पहुंचाने के लिए अभिलेखागार में तैस्सितोरी विशेष कक्ष बनाया गया है जहाँ सैकडों शोधकर्ता काम कर रहे है उन्होंने कहा कि विदेशी शोधार्थी भी तैस्सितोरी द्वारा राजस्थानी भाषा के लिए किए गए काम को जानने और समझने आते हैं। डॉ खडग़ावत ने डॉ अमरावत द्वारा राजस्थानी भाषा के लिए किए जा रहे काम को रेखांकित किया उन्होंने कहा कि अमरावत को अधिकाधिक महिलाओं को राजस्थानी भाषा से जोडऩे का काम करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद डॉ कौशिक ने कहा की डॉ अमरावत का सम्मान केवल इनका सम्मान नहीं है बल्कि पूरी राजस्थानी भाषा का सम्मान है उन्होंने कहा कि अब तक सैकडों लोगों को ईमानदारी से बेहतर राजस्थानी भाषा का उत्कृष्ट कार्य अमरावत कर रही है। कौशिक ने कहा कि विधार्थियों को राजस्थानी संस्कृति के लिए काम करते हुए तैस्सितोरी द्वारा किये गये काम का अध्ययन जरूर करना चाहिए।


कार्यक्रम में केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य “आशावादी ” ने कहा कि हमें भारत सरकार द्वारा राजस्थानी की मान्यता का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि समाज ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दी हुई है उन्होंने कहा कि केन्द्रीय साहित्य अकादमी ने भी राजस्थानी भाषा को मान्यता दी हुई है। आचार्य ने डॉ अमरावत को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में ओर अधिक काम करने की जरूरत है।
डॉ प्रकाश अमरावत का परिचय डॉ नमामी शंकर आचार्य ने दिया तथा अभिनंदन पत्र का वाचन कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने किया। अतिथियों ने डॉ अमरावत को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं अभिनंदन पत्र भेट कर तैस्सितोरी अवार्ड अर्पित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बसंती हर्ष एवं डॉ प्रकाश अमरावत ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा, डॉ नीरज दइया, चन्द्रशेखर जोशी, एन डी रंगा, भगवान दास पडिहार, मोइनुद्दीन कोहरी, डॉ नरपत सिंह सांखला, डॉ अजय जोशी, डॉ विजयलक्ष्मी शर्मा, आत्मा राम भाटी, डॉ एस एन हर्ष, डॉ फारूक चौहान, मुरली मनोहर माथुर, नरसिंह भाटी “नीशू” सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अन्त में एस पी गुप्ता ने प्रकट किया।(PB)