ऊर्जा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ. कल्ला ने किया शुभारम्भ
OmExpress News / बीकानेर / शहर की ऐतिहासिक हवेलियों के बीच सजे-धजे ऊंट, ढोल-नगाड़ों और मशक की सुमधुर स्वरलहरियों के बीच नाचते-झूमते देशी-विदेशी पर्यटक, परम्परागत वेशभूषा और रंग-बिरंगे साफे-पगड़ियां पहने रोबीले, तो इनके साथ फोटो और सेल्फी लेते शहरवासी, कच्छी घोड़ी नृत्य और गणगौर गीतों का लुत्फ उठाते लोग और ऐसे अनेक क्षण जो बीकानेर की सांस्कृतिक और सामाजिक सम्पन्नता और समरसता को दर्शाते हैं, मानो ऊंट उत्सव के दूसरे दिन आयोजित ‘हैरिटेज वाॅक’ में साकार हो उठे। Heritage Walk Bikaner
आमजन ने पर्यटन विभाग द्वारा लोकायन संस्था और फूडी देवता के संयुक्त तत्वावधान् में आयोजित ‘हैरिटेज वाॅक’ का जमकर लुत्फ उठाया। इसका शुभारम्भ ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला ने फीता काटकर किया। उन्होंने कहा कि बीकानेर की कला, संस्कृति, पहनावा, परम्पराएं, रीति-रिवाज और खान-पान पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान रखते हैं। यह जीवंत शहर है, जहां प्रत्येक पर्व और त्योहार को उल्लास, उमंग और उत्साह से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऊंट उत्सव के दौरान शहरी क्षेत्र में हैरिटेज वाॅक आयोजित करने से आमजन को शहर की सुरंगी संस्कृति से रू-ब-रू करवाया जा सकेगा।
डाॅ. कल्ला को पहनाई ‘माहेश्वरी केसरिया पाग’ – Heritage Walk Bikaner
हैरिटेज वाॅक की शुरूआत पगड़ियों के प्रदर्शन से हुई। इस अवसर पर लोक कलाकार कमल व्यास ने ऊर्जा मंत्री डाॅ. कल्ला को ‘माहेश्वरी केसरिया पाग’ तथा जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम को ‘जैसलमेरी पंचरंगा साफा’ पहनाया। यहां विभिन्न जातियों, क्षेत्रों एवं परम्पराओं की पगड़ियां एवं साफे देखना आमजन के लिए उत्सुक करने वाला था। यहीं परम्परागत चौपड़ खेल का प्रदर्शन किया गया। डाॅ. कल्ला ने जिला कलक्टर को इस खेल के ऐतिहासिक परिपेक्ष्य की जानकारी दी। Heritage Walk Bikaner
गणगौर गीत, उस्ता कला और रम्मत का उठाया लुत्फ
हैरिटेज वाॅक के दौरान मोहता चैक में मरूनायक कला केन्द्र द्वारा गणगौर के गीत प्रस्तुत किए गए। मरूनायक चैक में राम भादाणी ने उस्ता कला के तहत तैयार विभिन्न कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। सब्जी बाजार में कोडमदेसर नाट्य संस्थान द्वारा आयोजित शहजादी नौटंकी की रम्मत के दौरान कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ. कल्ला और जिला कलक्टर ने मंच पर पहुंचकर कलाकारों की हौसला अफजाई की। Heritage Walk Bikaner
कल्ला और जिला कलक्टर बने ‘बाराती’
हैरिटेज वाॅक के दौरान ‘रमक झमक’ संस्था द्वारा निकाली गई बारात विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। पुष्करणा समाज की परम्परा के अनुसार ‘विष्णु वेश’ धारी दूल्हों का ‘लाल लौकार’ पकड़कर डाॅ. कल्ला और जिला कलक्टर भी बाराती बनकर साथ चले। इस दौरान संस्था के प्रहलाद ओझा ‘भैंरू’ के नेतृत्व में बारातियों ने ‘केसरियो लाडो’, ‘हर आयो’ और अन्य परम्परागत गीत सुनाए। जिला कलक्टर को बीकानेर के ओलम्पिक सावे की जानकारी दी गई तथा सावे के दौरान विभिन्न आधारभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की।
‘वाव, इट्स ग्रेट’ – Heritage Walk Bikaner
हैरिटेज वाॅक के दौरान देशी-विदेशी सैलानी फोटो लेने में मशगूल दिखे। हवेलियों पर लगे पत्थरों की नक्काशी देखकर स्विट्जरलैण्ड का एक पर्यटक अनायास ही बोल उठा, ‘वाव, इट्स ग्रेट’। नाइयों की गली, चाय पट्टी की तंग गलियां और पड़ले एवं चूड़ियों की दुकानें देखकर भी विदेश पर्यटन अभिभूत हुए। लक्ष्मीनाथ मंदिर के आगे जान मोहम्मद द्वारा ब्लाॅक प्रिंटिंग का प्रदर्शन किया गया। लोक कलाकार गिरधर व्यास की 28 फीट लम्बी मूंछों ने हर किसी को आकर्षित किया।
‘फूड काॅर्नर’ में लिया भुजिया-कचौरी-जलेबी और रबड़ी का आनंद
हैरिटेज वाॅक की समाप्ति बीकाजी की टेकरी में हुई। यहां स्थापित ‘फूड काॅर्नर’ में जिला कलक्टर सहित अनेक लोगों ने मनका महाराज की रबड़ी, जूनिया महाराज की कचौरी, बृजा महाराज की जलेबी और पूनिया महाराज के भुजिया का लुत्फ उठाया। विदेशी पर्यटकों के लिए नया अनुभव था। इस स्थान पर फोटो, सिक्कों एवं डाक-टिकटों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें बीकानेर की कला, संस्कृति और परम्पराओं से संबंधित फोटो प्रदर्शित किए गए।
जगह-जगह हुई पुष्पवर्षा, कच्छी घोड़ी नृत्य देख हुए अभिभूत
कच्छीघोड़ी नृत्य देखकर शहरवासी अभिभूत हुए। अनेक महिलाओं और बच्चियों ने इन लोककलाकारों के साथ फोटो खिंचावाए। Heritage Walk Bikaner
इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) ए. एच. गौरी, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) शैलेन्द्र देवड़ा, उपखण्ड अधिकारी मोनिका बलारा, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल,
जिला उद्योग संघ के डी. पी. पचीसिया, लोकायन के महावीर स्वामी, सचिव गोपाल सिंह, गोपाल बिस्सा, स्वरूप सिंह पुरोहित, कृष्ण चंद्र पुरोहित, गिरिराज पुरोहित आदि मौजूद थे।