संगीत मनीषी डॉ. मुरारी शर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा
बीकानेर । अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान, शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान, सखा संगम, संगीत कला केंद्र, सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वाधान में संगीतज्ञ डॉ. मुरारी शर्मा के निधन पर रविवार को महाराजा नरेंद्र सिंह ओडिटोरियम नागरी भंडार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । जिसमे विभिन्न संस्थाओं ने डॉ. शर्मा के आदर्शों का अनुकरण करने का आव्हान किया
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि डॉ. मुरारी शर्मा बीकानेर संस्कृती जगत के प्रेरणा पुरुष थे । अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. अज़ीज़ अहमद सुलेमानी ने डॉ. शर्मा के कार्यो को आगे बढ़ाने पर बल दिया । चूरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीताराम गोठवाल ने कहा कि डॉ शर्मा ने आम अवाम को संगीत से जोड़ा । जयपुर के मोहनवीणा वादक डी.एल. शर्मा ने कहा कि डॉ. शर्मा ने संगीत कलाकारों का मान बढ़ाया ।
वरिष्ठ पत्रकार लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि डॉ. शर्मा ने जैन संगीत में भी कार्य किया । सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी. रंगा ने डॉ. मुरारी शर्मा के आदर्श पर चलने आव्हान किया ।
मुक्ति संस्थान के सचिव राजेन्द्र जोशी ने कहाकि डॉ. मुरारी शर्मा का निधन देश के संगीत जगत की क्षति है । व्यंगकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि डॉ. शर्मा मानवता की मिसाल थे । सरदार अली पडि़हार ने कहा कि शर्माजी संगीत के शास्त्रीय पक्ष के मर्मज्ञ थे । संगीतज्ञ ज्ञानेश्वर सोनी ने कहा कि डॉ. शर्मा ने संगीत जगत में चार पीढिय़ों को संस्कारित किया । संस्कृतिकर्मी चंद्रशेखर जोशी ने कहा कि डॉ शर्मा ने आम अवाम में भारतीय शास्त्रीय संगीत की व्याख्या की ।
कार्यक्रम के संयोजक अशफ़ाक़ कादरी ने डॉ मुरारी शर्मा के संगीत अवदान पर प्रकाश डाला । कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने डॉ. शर्मा के रचनाकर्म को अद्वितिय बताया । कवि संजय आचार्य वरुण ने कहा कि डॉ. शर्मा ने नई प्रतिभाओ को आगे बढ़ाया । संस्कतिकर्मी अब्दुल शकूर सिसोदिया ने कहा कि डॉ. शर्मा बहुआयामी संगीत साधक थे जिन्होंने संगीतशास्त्र को वैज्ञानिक रूप में सुस्थापित किया जिसके लिए बीकानेर ऋणी रहेगा।
कार्यक्रम में लोकगायिका श्रीमती राजकुमारी मारू ने लोक भजन “भज ले सुवा हरिनाम- हरिनाम सूं तीर जासी” सुनाया । महावीर प्रसाद ने मांडराग में चेतावनी भजन सुनाया । पुखराज शर्मा ने काव्य रचना से स्वरांजलि दी ।
संगीत कला केंद्र के अध्यक्ष डालचंद सेवग, राजस्थानी युवा लेखक संघ के अध्यक्ष कमल रँगा,मुम्बई के फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी,प्रेरणा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रेम नारायण व्यास, कवियत्री प्रमिला गंगल, डॉ. सुलक्षणा दत्ता, लक्ष्मीनारायण सोनी,अहमद बशीर सिसोदिया, नीतिन वत्सस, रामेश्वर बाड़मेर साधक, नन्दकिशोर सोलंकी, संजीव कश्यप, राकेश बिस्सा, मेवा सिंह, डॉ. कृष्णलाल बिश्नोई ,हनुमान कच्छावा, नेमचंद गहलोत अभियोजन अधिकारी चतुर्भुज शर्मा, ऋषि कुमार अग्रवाल ने भी अपने उदगार व्यक्त किये । शब्दरंग के सचिव राजाराम स्वर्णकार ने धन्यवाद ज्ञापित किया । दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी । कार्यक्रम का संचालन कवि संजय आचार्य वरुण ने किया ।