जब अमरीका में एक सामान्य परिवार से बराक ओबामा राष्ट्रपति बने तो भारत में भी एक बड़ी टोली खड़ी हो गई और लगी तलाशने देसी ओबामा को, पर परिवार और वंशवाद के चक्रव्युह में फंसे भारतीय लोकतंत्र में किसी ओबामा का उदय हो पाना मुश्किल था, लेकिन पिछले कुछ सालों में राष्ट्र को समर्पित लोगों के प्रयासों से सामान्य लोग देश के भाग्य निर्माण में अपना हाथ बंटा रहे है। सामाजिक कार्यकर्त्ता सत्ता के साथ भागीदार हो सही पॉलिसी बने, जन मानस के आर्थिक, क्षेत्रीय भौगोलिक स्तर को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी मेकर की भूमिका निभा रहे हैं। मेजर जनरल अजय चतुर्वेदी, आई आई टी प्रोफेसर डॉ आनंद बुलुसु, हार्वर्ड एलुमनी और ओला के वाइस प्रेजिडेंट आनद शाह, भारत सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरुप, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व ट्रस्टी डॉ अर्मिन रोसेनक्रांज़, प्लानिंग एक्सपर्ट अरुण माइरा, यु एन ओ के पूर्व राजनयिक अशोक मुखर्जी, आई ए एस लीना मेहेंदले, आई पी एस अविनाश मोहंती, इस्कॉन के गौरांग प्रभु, प्रसिद्ध राष्ट्रवादी चिंतक डॉ आर बालासुब्रमनियम, राम माधव, डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे सहित कई संगठनों के वरिष्ठ मेंटर की गुरु परम्परा सीख, विजन इंडिया फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक शोभित माथुर के सानिध्य और फैलोशिप डायरेक्टर संजीव सिरनुकर के मार्गदर्शन में श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण की राह में यह फैलोशिप प्रोग्राम चलेगा।

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जो पहले तीन महीने दिल्ली में फिर देश के अलग अलग हिस्सों में, अलग अलग लीडरशिप संस्थाओं में, शहरी और गाँवों के उत्कृष्ट मॉडल में जाकर बेहतरीन लीडरशिप सीखेंगे। विजन इंडिया के निदेशक शोभित माथुर ने कहा की हम देश के ऐसे दूरदर्शी युवा लीडर के भविष्य में इन्वेस्ट करते हैं जो देश के भविष्य की चिंता करता हो, देश की सभ्यता संस्कृति की चिंता करता हो, हमें खुसी है की कड़ी कसौटी के बाद पार्वती जांगिड़ ने इस फैलोशिप को अपने नाम किया, उत्कृष्ट पब्लिक लीडर बनने के लिए पार्वती की हम हर जरुरी सहायता करेंगे। उसे बहुत बहुत बधाई। फैलोशिप डायरेक्टर संजीव सिरनुकर ने कहा की यह फैलोशिप प्रोग्राम रेजिडेंशियल 1 वर्ष का है और इसे फैलो की रूचि को देखते हुए तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।

प्रति फैलो सालाना 5 लाख स्टाइपेंड और साल के अंत में उत्क्रिस्ट फैलो को एक लाख का नकद पुरुस्कार भी दिया जाएगा। 2014 में शुरू हुए इस यूनिक नेशन बिल्डिंग फैलोशिप में अब तक 16 लीडर्स का चयन किया और इस वर्ष पार्वती के साथ विनय, तितिक्षा, रीना, दादा साहेब सहित पांच लोगों का चयन किया गया। यह चयन हजारों प्रतिभागियों के बीच हुई कड़ी स्पर्धा के बाद किया गया। पहले दौर में बायोडाटा और सोशल बैकग्राउंड के आधार पर शॉर्टलिस्ट, फिर स्काइपे पे लाइव साक्षात्कार, फिर एक निबंध लेखन, अंत में दिल्ली में पर्सन इंटरव्यू के बाद इन पांच यंग लीडर का चयन किया गया।

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फैलोशिप में चयन के अवसर पर पार्वती ने विजन इण्डिया फाउंडेशन का आभार प्रकट करते हुए कहा की यह मेरे लिए गर्व की बात है की एक सामान्य परिवार की बेटी देश को समर्पित श्रेष्ठ लीडर, श्रेष्ठ संस्थानों के माध्यम से मैं लीडरशिप को बारीकी से सीखूंगी, देश की दशा और दिशा बेहतर हो, इसे और समझूंगी, पार्वती ने कहा की भारतवर्ष प्राकृतिक रूप से इतना समृद्ध है की हम सम्पूर्ण विश्व का भरण पोषण कर सकते है, किन्तु विदेशी शासन के कुछ सौ सालों की उपेक्षा व बर्बरता तथा आज़ादी के बाद भी विदेशी ढंग से शासन व्यवस्था, सही से योजनाएं न बनाने के कारण यह धरती इस राष्ट्र का भरण पोषण करने में असमर्थ से नजर आने लग रही, मानव संशाधन भी दुनिया में सबसे ज्यादा हमारे पास है, फिर भी जहाँ भारत को खड़ा होना चाहिए, नहीं खड़ा हो पाया। मैं इस फैलोशिप प्रोग्राम में देश के प्रबुद्ध नीति निर्मातों, राष्ट्रदेव को समर्पित नेतृत्व शक्ति से ऐसे प्रश्नों का हल जरूर खोजूंगी, सीखूंगी और देश को समर्पित होकर सेवा करुँगी।
छोटी सी उम्र का बड़ा कमाल देखिए… ना धूप देखी ना छांव… बस बढ़ते गए है पांव….. युवा उम्र का ये जो निसंदेह करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा बनेगा।
जी हाँ हम बातकर रहें हैं नारी शक्ति की अनुपम उदाहरण और श्रीमती संजूदेवी सुथार एवं स्वर्गीय श्री लुनाराम जाँगिड़ सुथार की सुपुत्री सुश्री पार्वती जाँगिड़ सुथार की, जो राजस्थान के एक छोटे से ग्रामीण शहर की रहने वाली है। आपने अपना संपूर्ण जीवन बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं एक भारत श्रैष्ठ भारत के लिए लगा देने का प्रण किया।

सुश्री पार्वती कहती हैं कि ‘Óलड़की का जन्म कहाँ हुआ है गरीब के घर या अमीर के घर, गाँव में या शहर में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, वह भव्य सपने देखने की हकदार है और हमसब मिलकर उसके सपने साकार कर सकते हैÓÓ ऐसी सोच रखते हुए आप दूर दराज गाँवों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं। शिक्षा के बाद बेटियाँ भी हर काम में अपनी सहभागिता निभा सकती हैं, नौकरी, स्वरोजगार हेतू उन्हेंप्रेरित कर, महिला सशक्त हो, इस में एक कदम और आगे बढ़ा रही है।
साथ ही आप 2015 से युवा संसद, भारत की स्थापना कर युवाओं को राष्ट्र निर्माण के प्रतिजागरूक कर रही हैं, युवाओ को भारतीय लोकतंत्र, संसदीय कार्यप्रणाली से रूबरू कराने के लिए देश के भिन्न भिन्न हिस्सों में युवा संसद बुलाती हैं। पार्वती बचपन से रक्षाबंधन के पर्व को भारत रक्षा पर्व के रूप में अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर मनाती हैं, वह सात दिन तक बॉर्डर पर रहती है, इन सात दिनों में वह लगभग आठ नौ सौ किलोमीटर बॉर्डर कवर करती हैं, राखी बाँधने के साथ साथ सीमा की लास्ट चौकियों, फौजी भाइयों की समस्यायें नोट कर, संबधित आईजी, डीजी व सरकार को अवगत करा उसके निराकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसी जज्बे को सलाम करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) इन्हें सिस्टर ऑफ बीएस एफ कहता है। हाल ही आपने इजरायल में हुए वर्ल्ड गवर्नेंस एक्सपेडिशन 2018 में ”फ्यूचर लीडर ऑफ द वर्ल्ड” टाइटल के तहत भारत के बेहतरीन 30 यंग लीडर्स में शामिल हो देश का प्रतिनिधित्व किया। 13 से 19 अक्टूबर, 2018 तक इजराइल में तिरंगा लहरा भारतीय डेलिगेशन में सर्वश्रेष्ठ चुनी गई और इन्हे लीडरशिप का उत्कृष्ट सम्मान ”चाणक्य अवार्ड-2018” से सम्मानित किया गया।

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