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विवाहोत्सव में भक्ति व मांगलिक गीतों की धूम

बीकानेर। नारायण सेवा संस्थान उदयपुर एवं बाबा रामदेव सेवा संस्थान की ओर से गंगाशहर के तेरापंथ भवन में आयोजित तीन दिवसीय बाबा रामदेवजी के अमृृत कथा महोत्सव का समापन सोमवार बाबा की विशेष पूजा व आरती के बाद संपन्न हुआ। कथा के अंतिम दिन बाबा रामदेवजी के विवाहोत्सव भक्ति व लोक संस्कृृति अनुसार मांगलिक गीतों की प्रस्तुति में श्रोताओं ने खूब साथ दिया। कथा स्थल भक्तित व मांगलिक समारोह के संगीत से सरोबोर हो गया। महिलाओं व पुरुषों ने गीतों के साथ नृृत्य कर कथा का आनंद लूटा।

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सुप्रसिद्ध कथावाचक जय प्रकाशजी महाराज ने मीरां के पद, बाबा रामदेवजी के जम्मे व भक्ति गीतों तथा रामचरित मानस की चैपाइयों और गीता के श्लोकों के माध्यम से कहा कि कलयुग में भक्तिभाव से प्रभु नाम स्मरण से ही कल्याण हो जाता है। एक अन्य प्रसंग के माध्यम से का कि बाबा रामदेवजी साम्प्रदायिक सौहार्द, समत, सद्भाव व आपसी एकता के प्रतीक है । रामदेवजी के दरबार में धर्म, सम्प्रदाय, जाति व वर्ग के भेद बिना बाबा रामदेवजी की भक्ति करते है। उनके धाम में समानता से दर्शन करते है। मुस्लिम के रामसा पीर है तो हिन्दुओं के भगवान द्वारकाधीश के अवतार है। बाबा रामदेव के विवाह प्रसंग के माध्यम से बताया कि बहूएं सास को सम्मान दे तथा उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। सास भी बहुओं को बेटी के समान दर्जा देकर उन्हें प्रेम व सद््भाव से रखे। बहुओं के परिवार से दहेज व अन्य सामग्री की इच्छा नहीं करें।


श्रीमती सरला देवी व कथा के आयोजक रामदेव अग्रवाल ने आरती व पूजन करवाया। इस अवसर पर कथा में परोक्ष अपरोक्ष रूप् से सहयोग करने वालों, नारायण सेवा संस्थान की टीम व नारायण सेवा संस्थान के माध्यम से परोपकारी कार्यों के लिए विजर्सन करने वालों तथा संगीत कलाकारों का सम्मान किया गया। नोहर के हरि शेखर शर्मा सुशील शर्मा ने नारायण सेवा संस्थान की गतिविधियों व कार्यों से अवगत करवाया। बाबा रामदेव का स्वरूप् कन्हैयालाल रंगा ने धारण किया। सुप्रसिद्ध लोक नृृत्यांगना व शिक्षिका डॉ. राजभारती शर्मा ने लोक व मांगलिक गीतों पर नृृत्य किया। आयोजन से जुड़े मधुसुदन अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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