बिहार। प्रेस कॉउंसिल की इंक्वायरी कमीशन बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुये कई वरीय पुलिस पदाधिकारियों को जमकर लताड़ा और फटकार लगाया .पटना के चाणक्या होटल में काउंसिल की दो दिवसीय सुनवाई में बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश,झारखंड ,बंगाल ,एवं उड़ीसा के मामलो को उठाया गया .
9जुलाई को कुल 39 मामलों की सुनवाई हुई..कॉउन्सिल के अध्यक्ष ने साफ़ कहा की क़ानून से बड़ा कोई नहीं है. यह गांठ बाँध ले अधिकारी और मुगालते में नही रहें .इस सुनवाई में मोतिहारी ,पटना ,कटिहार ,पलामू गोरखपुर इत्यादि के कई मामलो में पुलिस की घोर लापरवाही और पत्रकारों के खिलाफ साजिश उजागर हुई .ऑन द स्पॉट आदेश पारित हुआ.कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर रिपोट मांगा गया.
बिहार प्रेस मेंस यूनियन के अध्यक्ष एवं वरीय पत्रकार एस एन श्याम ने पत्रकारों पर पुलिस उत्पीडऩ और प्रशासनिक प्रताडऩा का मामला उठाया . 2 नवंबर 2018 को पटना पुलिस लाईन में पुुलिस विद्रोह के दरम्यान पत्रकारों पर हमले का मामला भी काउन्सिल के समक्ष आया .इस परिवाद में सरकार की ओर से किसी पुलिस और प्रसासनिक पदाधिकारी के हाजिर नहीं होने पर चेयरमैंन ने सख्त नाराजगी जाहिर की और डीजीपी तथा चीफ सेक्रेटरी को नोटिश भेजा