बदमाश प्रव्रति के लोगों की सक्रियता के चलते आए दिन संगीन वारदातें हो रही है। इस बीच, शनिवार देर रात आधा दर्जन से ज्यादा बदमाशों ने एक पत्रकार के साथ न केवल दुव्र्यवहार किया, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दे डाली। इस घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने रविवार को पुलिस अधीक्षक के नाम का ज्ञापन एएसपी पवन कुमार मीणा को सौंपकर बदमाशों की तत्काल गिरफ़तारी करने की मांग की।
घटनाक्रम के अनुसार पत्रकार मुकेश पूनिया अपने बेटे के साथ रात्रि करीब सवा ग्यारह बजे जूनागढ के पास से गुजर रहा था। इस दरम्यान वहां सडक किनारे खडे ठेलों के पास करीब 8-9 बदमाशों ने पत्रकार मुकेश पूनिया को रोककर उनके साथ दुव्र्यवहार करने लगे। यही नहीं, बदमाशों ने मुकेश के साथ धक्का-मुक्की करते हुए सड़क के बीच डिवाइडर तक ले गए और जूनागढ की खाई में पटकने की धमकी तक दे डाली। मुकेश ने जैसे-तैसे उनसे खुद को बचाया और सीधे सदर पुलिस थाने पहुंच गए। बाद में थाने के एएसआई रामफूल जाब्ते सहित मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक बदमाश मौके से भाग छूटे।
पत्रकार मुकेश पूनिया ने बताया कि बदमाश बिना नंबर की मोटरसाइकिलों पर सवार थे। इस घटना से आक्रोशित पत्रकारों के शिष्टमंडल ने पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा के निवास तक पैदल मार्च निकाला। पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में एएसपी पवन कुमार मीणा ने पत्रकारों से वार्ता कर मुल्जिमों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एएसपी मीणा से मिले शिष्टमंडल में वरिष्ठ पत्रकार श्याम मारू, भवानी जोशी, हनुमान चारण, पन्नालाल नांगल, नीरज जोशी, तेजकरण हर्ष, सुरेश बोड़ा, रमजान मुगल, पवन भोजक, मोहन थानवी, मुजीबुर्रहमान, गिरीराज भादाणी, संजय पारीक, राजेश छंगाणी, रवि पुगलिया, बिरमदेव रामावत, जितेन्द्र व्यास, अनिल रावत, मोहन कडेला, के कुमार आहूजा, विक्रमजीत कडेला आदि पत्रकार शामिल थे।
आपको बता दें कि बीकानेर में शाम ढलते ही मुख्य मार्गों पर लगे खाने-पीने की चीजों के ठेलों पर पिछले काफी समय से बदमाश प्रव्रति के तत्व सक्रिय हो जाते है। वे नशे में धुत होकर वहां पर न केवल ठेलों वालों को परेशान करते है, बल्कि आमजन से भी दुव्र्यवहार करते है। ऐसे में पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वो ऐसे स्थान चिन्हित करके वहां पुलिस की प्रभावी गश्त कराएं ताकि बदमाशों पर अंकुश लग सके।