नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को यहां अखिल भारतीय अयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) में निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे । उनके परिवार में उनकी पत्नी ,एक पुत्र और एक पुत्री है। वह नौ अगस्त से एम्स में भर्ती थे। जेटली के निधन के साथ ही देश ने पिछले एक साल में देश में 5 बड़े नेताओं को खो दिया। इन बड़े नेताओं का जाना राजनीति में बड़ी क्षति माना जा रहा है। आइए जानते हैं इन नेताओं के राजनीतिक सफर के बारे में।

अटल बिहारी वाजपेयी गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकडऩ, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था। मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए।

अनंत कुमार बीजेपी नेता और कई बार संसद रहे अनंत कुमार का 12 नवंबर 2018 में निधन हो गया। अनंत कुमार कर्नाटक के बेंगलुरु साउथ से सांसद थे। वह केंद्र सरकार में संसदीय कार्यमंत्री थे। कुमार उन अगली पीढ़ी के नेताओं में से थे जिन्हें लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी और सरकार में एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार किया था। वह कैंसर से जूझ रहे थे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहले बीजेपी सरकार और फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्री पद संभाला। वह कैंसर से जूझ रहे थे।

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मनोहर पर्रिकर मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। पिछले एक सालों से मनोहर पर्रिकर बीमार चल रहे थे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर आए थे। स्वदेश वापस लौटने के बाद वह कुछ महीनों तक दिल्ली के एम्स में भी भर्ती थे। वह चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे थे।

सुषमा स्वराज बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ था। हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। सुषमा स्वराज देश की पहली महिला विदेश मंत्री के तौर पर जानी जाती हैं। 1970 में सुषमा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति में कदम रखा। उसी दौरान उन्होंने जेपी के अंदोलन में भी हिस्सा लिया। 1975 में सुषमा की शादी स्वराज कौशल से हुई। कौशल भी 6 साल तक राज्यसभा में सांसद रहे इसके अलावा वो मिजोरम के राज्यपाल भी रह चुके हैं।


अरुण जेटली पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 24 अगस्त 2019 को निधन हो गया। अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ को लेकर नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई तो अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मांग की थी उन्हें नई सरकार में कोई जिम्मेदार न दी जाए, क्योंकि वह अपने स्वास्थ्य पर फोकस करना चाहते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली पंजाब और पंजाबियत से खासा प्रेम रहा है। विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर में उनकी बुआ के घर ही रुका था, हालांकि उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी पत्नी का ननिहाल भी अमृतसर में ही है। यही वजह है कि गुरू नगरी से हमेशा ही उनका विशेष प्रेम रहा है। यही वजह है कि उन्होंने वहां से चुनाव भी लड़ा था। अमृतसर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने में भी उनका बहुत योगदान रहा है। गोल्डन टैंपल में जीएसटी को लागू करने पर जब बवाल हुआ था तो उनके प्रयासों से ही इसे हटाया गया और इस संबंध में 300 करोड़ रुपये का जीएसटी वापस किये जाने का भी फैसला सरकार की ओर से लिया गया था। इस पर पंजाब के नेता और स्वयं सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उनकी सराहना की थी।

आपको बता दें कि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस संबंध में केंद्र सरकार से मांग की थी। केंद्र में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस मुद्दे को वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष भी उठाया था। केंद्र सरकार से पूर्व पंजाब सरकार ने स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर लगने वाले जीएसटी में अपना हिस्सा छोडऩे का फैसला लिया था।
स्वर्ण मंदिर को दुनिया के सबसे बड़े सामुदायिक रसोईघर के रूप में जाना जाता है, जहां 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में तथा 1,00,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सप्ताहांत और त्योहारों के मौकों पर ताजा खाना खिलाया जाता है। इन सामुदायिक रसोई घरों के लिए खरीदी जानेवाली ज्यादातर वस्तुएं नए जीएसटी के विभिन्न करों की दरों के अंतर्गत आती हैं। सिख धर्म की लघु-संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई गुरुद्वारों में सामुदायिक रसोईघर चलाती है, जिसमें अमृतसर का हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) भी शामिल है।

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