बीकानेर। विरासत संवर्द्धन संस्थान के तत्वावधान में श्री संगीत कला केंद्र द्वारा टी0 एम0 ऑडिटोरियम गंगाशहर में मासिक संगीत सभा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में कलाकारों ने वर्षा ऋतु से जुड़े शास्त्रीय, उप शास्त्रीय गीत, लोकगीत, भजन एवं गज़लों की मिठास से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी, अध्यक्ष कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार, विशिष्ट अतिथि श्री संगीत भारती की प्राचार्य डॉ0 कल्पना शर्मा, अभियोजन अधिकारी चतुर्भुज शर्मा ने राजस्थान की संगीत साधना और लोक परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने का आव्हान किया । कार्यक्रम में मुंबई के फतेह परदेशी, कोलकाता के इस्लामुद्दीन, राजभारती शर्मा, हशमुद्दीन ने अपने विचार रखे । संस्था अध्यक्ष डालचंद सेवग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था प्रतिवेदन पेश किया ।
कार्यक्रम में संस्था निदेशक पुखराज शर्मा ने सरस्वती वंदना से शुभारम्भ किया । कार्यक्रम में मोइन खान ने शास्त्रीय रचना “होली खेलत बहार” की प्रभावी प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में सुनीता स्वामी ने “जल भरयो हिबोला खाय”, कशिश आचार्य ने “कोंपलें फिर फूट आई”,नूतन सुराणा ने “घर आजा घिर आई बदरा” मनीष शर्मा ने “कहाँ से आये बदरा” लोपामुद्रा आचार्य ने “काली कलायन उमटी” प्रिया खत्री ने “गरजत बरसत सावन आयो रे” निहाल खां ने “सावन बीतयो जाय पीयरवा” सुनकर सुरों से सरोबार कर दिया ।
कार्यक्रम में लता मलघट ने “बरखा बहार आयी रस की फुहार लाई”,कोमल पुगलिया ने “सावन का महीना पवन करे शोर” बजरंगलाल जोशी ने “बहारों ने मेरा चमन” सुनाकर मंत्रमुग्घ कर दिया । कार्यक्रम में डॉ0 ओम प्रकाश शर्मा, मानसी तिवाड़ी, ,प्रतीक कुमार, मधु तिवारी, उर्मिला शर्मा, नारायण शर्मा, अंशु भारती शर्मा, मोनिका पारीक, सोमेश जावा, मुनिराज नवल, अक्षय भोजक ने वर्षा गीतों से समां बांध दिया । तबले पर उस्ताद गुलाम हुसैन, ताहिर हुसैन, बेंजो पर उस्ताद अमजद अली, हारमोनियम पर प0 पुखराज शर्मा, कोलकाता के उस्ताद इस्लामुद्दीन ने संगत की । मंच संचालक नूतन सुराणा, देवमयूर घई ने कलाकारों का परिचय दिया ।