पुष्पवर्षा के साथ हर्षोल्लास से मनाया नन्दोत्सव, नन्द में आनन्द भयो, जबीय कन्हैया लाल की के लगे उद्घोष
मेवे-माखन,पंचामृत के प्रसाद का हुआ वितरण
बीकानेर। इस संसार में जो भी आया है, वह सुख भी पाता है और दु:ख भी पाता है। सुख को भोगा है उसे दु:ख भी भोगना पड़ता है और जो दु:ख भोगता है उसे सुख भी मिलता है। लेकिन इनके भोगने में भी फर्क है। कथावाचक क्षमारामजी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए कहे।

गोपेश्वर महादेव मंदिर मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आज भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आयोजन समिति से जुड़े गोपाल अग्रवाल ने बताया कि कथा के मध्यान्हपूर्व नन्दोत्सव में जब वासुदेवजी भगवानश्रीकृष्ण को लेकर कथा स्थल में प्रवेश करते हैं तब बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालु महिलाओं व पुरुषों ने भगवान श्रीकृष्ण के गगनभेदी जयकारे लगाकर पूरे पंडाल को ही नहीं आसपास के संपूर्ण क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। भक्तजनों ने ‘नन्द में आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल कीÓ गीतिका को एक लय व सुर ताल में गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

गोपाल अग्रवाल ने बताया कि नन्दोत्सव के लिए पूरे पंडाल को रंगीन गुब्बारों से सजाया गया। पुरुषों ने केसरिया चोला पहना वहीं महिलाएं केसरिया व पीली साड़ी पहने नन्दोत्सव में शामिल हुई। श्रीमद् भागवत कथा समिति की ओर से भक्तजनों को माखन-मिश्री, लस्सी, सुखे मेवे एवं पंचामृत का प्रसाद वितरित किया गया।

आज की कथा में क्षमाराम महाराज ने गोकुल में कृष्ण जन्म से छाये आनन्द की व्याख्या की वहीं उन्हें मारने के लिए गोपी का रूप धरकर पहुंची पूतना के वृतांत को विस्तारपूर्वक बताया। महाराज ने ज्ञानयज्ञ में कहा कि व्यक्ति को दुष्ट एवं गलत लोगों की संगत से बचना चाहिए। प्रतिदिन बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी लोग कथा श्रवण करने के साथ महंत क्षमारामजी महाराज का आशीर्वाद लेने पधार रहे हैं। सोमवार को धर्मप्रेमी कुलरिया परिवार के मघारामजी कुलरिया एवं राजेश जी कुलरिया ने कथा का श्रवण किया एवं क्षमारामजी महाराज से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा समिति की ओर से शिवरतन अग्रवाल ‘शिवजी’ ने उन्हें प्रतीक चिन्ह के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर भेंट की।