चिकित्सा मंत्री व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने वीसी में मौसमी बीमारियों के प्रति किया अलर्ट
बीकानेर। मौसमी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित गतिविधियों का दायरा बढ़ता जा रहा है। ब्रूसेलोसिस और कांगो फीवर जैसे जूनोटिक रोग भी प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। जिसमें से ब्रूसेलोसिस रोग के सर्वाधिक 14 रोगी बीकानेर जिले में ही चिन्हित हुए हैं। हालांकि इससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।

जिला व खंड अधिकारी इन बीमारियों से लड़ने के लिए कितने तैयार है यह जानने मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि गाय या बकरी आदि दुधारू जानवरों का कच्चा दूध पीने से ब्रूसेलोसिस रोग होने की प्रबल संभावना होती है इसलिए आमजन दूध को उबालकर अथवा पाश्चराइज्ड दूध ही पिया करें। वीडियो कांफ्रेंस में मौजूद उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बीकानेर में स्वास्थ्य विभाग, कृषि-पशु पालन विभाग व पशु चिकित्सा विभाग के बेहतरीन समन्वय द्वारा आमजन को इस रोग से बचाने के निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 2020 तक देश से मलेरिया के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कुल जनसंख्या का 1 प्रतिशत व ओपीडी का कम से कम 10 प्रतिशत ब्लड स्लाइड लक्ष्य हासिल करना होगा।

साथ ही उन्होंने सीएमएचओ डॉ बी एल मीणा से जिले की तैयारी की रिपोर्ट लेते हुए मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए आरआरटी को तैयार रखने, पल्स ऑक्सीमीटर व दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने, निजी हॉस्पिटलों से भी रिपोर्ट लेते रहने, अधिकाधिक घर-घर सर्वे करवाने, वेंटीलेटर्स व आरक्षित वार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आगामी सर्दी के मौसम से पहले ही स्वाइन फ्लू के लिए कमर कस लेने के निर्देश भी दिए। निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ वीके माथुर ने चिकित्सालय पहुंचने वाले प्रत्येक सर्दी जुकाम रोगी को संदिग्ध मानते हुए पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन संतृप्तता जांचने और 92 प्रतिशत से कम होने पर तुरंत टेमी फ्लू से उपचार शुरू करने के निर्देश दिए।

वीसी में जिला स्तर से प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ एस कुमार, अधीक्षक डॉ पी के बेरवाल, डॉ बी एल हटीला, मेडिसिन विभाग से डॉ परवेज समेजा, डॉ रोहिताश कुलरिया, संयुक्त निदेशक डॉ देवेंद्र चैधरी, डॉक्टर अनिल वर्मा, डॉ इंदिरा प्रभाकर, नीलम प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा विभाग से डॉ अशोक कुमार विज, डॉ असलम अली व आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद थे।