एंतरप्रेन्योर बनें विद्यार्थी, किसानों तक पहुंचाएं नवाचार-कुलपति

बीकानेर, 29 सितम्बर। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष डाॅ. विजयपाल शर्मा ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो, इसके लिए कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाना होगा। डाॅ. शर्मा रविवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान में आयोजित सेमीनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज किसान उत्पादन के बाद अपनी फसल को सीधे-सीधे बेच देता है, लेकिन आय बढ़े इसके लिए उत्पादन के मूल्य संवर्धन की ओर विशेष ध्यान देना होगा।

उन्होंने कहा कि किसान उत्पादन को समाज की मांग के अनुरूप बाजार में उपलब्ध करवाए। कुलपति प्रो. आर पी सिंह ने कहा कि कृषि व्यवसाय प्रबंधन के युवा विद्यार्थियों को इस ओर पहल करनी होगी। विद्यार्थी, एंतरप्रेन्योर बनें तथा किसानों तक अपने नवाचार पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में एक ऐसा प्लेटफाॅर्म तैयार किया जाए जो आखिरी छोर तक बैठे किसान तक पहुंच सके।

संस्थान निदेशक प्रो. एन के शर्मा ने कहा कि हरित क्रांति के बाद हम खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गए हैं लेकिन किसानों की आय में आशातीत बढ़ोतरी नहीं हुइ है। हमें इसके लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि फूड सिक्योरिटी नहीं बल्कि न्यूट्रेशनल सिक्योरिटी की जरूरत है। इस अवसर पर केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डाॅ. पी. एल. सरोज भी बतौर अतिथि मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन विवेक व्यास ने किया। सेमीनार में कुलसचिव प्रो. राजेश शर्मा, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस के शर्मा, अनुसंधान निदेशक प्रो. एस एल गोदारा, डाॅ. मधु शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. ए के शर्मा, डाॅ. अदिति माथुर, डाॅ. सत्यवीर सिंह मीणा सहित कृषि महाविद्यालय एवं आइएबीएम के विद्यार्थी मौजूद रहे।