.जोधपुर महानगर /,रविवार को श्री महेश शिक्षण संस्थान उम्मेद अस्पताल रोड, जोधपुर से पथ संचलन का आयोजन हुआ ।कदम कदम री साधना ,आ देश री आराधना, इस भाव को लेते हुए 500 सेविकाओं पूर्ण गणवेश में कदम से कदम साथ बढ़ा करके देश के नव निर्माण के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया।

आणक ,वंशी , वाद्य ताल बजाते हुए सेविकाएं विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रही थी।
मातृशक्ति के ऐसे संयमित ,साहसिक एवं दृढ़ निश्चयी कदमों को देखने के लिए चारों ओर जनसमूह उमड़ पड़ा।संचलन मार्ग पर कई गणमान्य व्यक्तियों एवं संगठनौं ने सेविकाओं का पुष्प वर्षा से स्वागत एवं अभिवादन किया।
कार्यक्रम में जोधपुर प्रांत कार्यवाहीका श्रीमती सुमन जी रावलोत ने अपने उद्धबोधन में बालिकाओं को प्रेरित करते हुए यह मंत्र दिया कि संगठन के बिना शक्ति और शक्ति के बिना सामर्थ्य प्रकट नहीं होता, अतः समर्थ व सक्षम राष्ट्र के लिए चरित्रवान संगठित व संस्कारित मातृशक्ति की आवश्यकता है ।वंदनीय मौसी जी को इस बात का बहुत विश्वास था, उन्होंने समर्थ गुरु रामदास के जीवन से कुशल संगठन के गुण, वीर सावरकर के जीवन से सच्चे हिंदू धर्म का दर्शन सीखा और जीजा माता के जीवन से संस्कृति व स्वाभिमान सीखा। संगठन के कार्यकर्ता बौद्धिक और शारीरिक दृष्टि से सक्षम हो उनमें स्वर संस्कृति स्वधर्म व स्वभाषा के गुणों का विकास हो, तेजस्वी हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए केवल स्वीकृति ही नहीं अपितु इन गुणों को आत्मसात भी करना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर चंद्रा हाथी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सेविकाओं को शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बल एवं साधना की आवश्यकता पर जोर दिया ,उन्होंने कहा कि राष्ट्र आराधना का प्रथम पुष्प अपना मन होता है, व दूसरा पुष्प अपना तन होता है अतः मन एवं तन दोनों को सक्षम बनाने की आवश्यकता है ।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि माहेश्वरी समाज की महिला मंडल की कोषाध्यक्ष श्रीमती सुनीता डागा ने कहा कि बालिकाओं को अपने पारिवारिक मूल्यों को बचाकर रखने की बहुत आवश्यकता है, स्वयं शीलवान एवं चरित्रवान बने रहने की भी बहुत आवश्यकता है, बालिकाओं को स्वयं ही नहीं बल्कि देश एवं समाज के लिए जीवन जीना होगा। कुल गणवेश में 550 सेविकाये रही।