बीकानेर। बीकानेर की लेखिका मोनिका गौड़, शंकरसिंह राजपुरोहित एवं डॉ. आईदान सिंह ने जोधपुर के चोखेलाव मेहरानगढ़ में राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल में बीकानेर का प्रतिनिधित्व किया। मोनिका ने बताया कि राजस्थान के आंचलिक क्षेत्रों में बसी व नियमित गाये जाने वाले लोकगीतों, कहानियों, कविताओं व सामाजिक जागरुकता से जुड़े मुद्दों पर मंथन भी किया गया। मोनिका गौड़ ने कहा कि परंपरागत मूल्यों के साथ आधुनिक चेतना के गीत लिखे बनाये व गाये जाने चाहिए। लोक गीत समय के सच से विमुख नहीं होते पर अब समय है की नूतन लोक चेतना के ,गीत रचे जाए व लोक तक भी पहुंचे।
कवि व आलोचक डॉ. आईदान सिंह ने कहा कि डिंगल व पिंगल की कविताओं में ओज, प्रेम व भक्ति होती है। शंकर सिंह राजपुरोहित ने कहा कि आज भी ग्रामीण अंचलों में किसान खेती करते-करते गीत गुनगुनाते हैं और हर बीज में एक-एक व्यक्ति को सृजन का हिस्सेदार बनाते हैं। राजपुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम में कादर खां, नूर, घेवर खां, शमसु खां व युवा मांगणियार गायकों ने लोक संगीत में नए प्रयोगों पर अपना पक्ष रखा। राजपुरोहित ने बताया कि मोनिका गौड़ इससे पहले भी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सम्भाग का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कार्यक्रम संचालन मुख्य आयोजक दिव्य भाटिया, गोविंद भाटी और टीम पोएट्री के अंकिता व रमणीक ने किया।