-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। दिवाली सीजन में जुएबाजी का दौर परवान चढने के साथ ही शहर में जुआरियेां की जाजम पर लाखों रूपये की *घोडिय़ा* कूदने लगी है।
यह घोडिय़ा कोई चार टांगों वाली नहीं है बल्कि छह अंकों वाली गोटी(पासा) है,जिन पर लाखों के रूपये के दाव लग रहे है। जानकारी के अनुसार दिवाली के सीजन में बड़े पैमाने पर चलने वाली जुएबाजी में ताश के पत्तों पर दाव लगाने के बजाय घोड़ी पर दाव लगाने का चलन ज्यादा है,खास बात यह है कि यह चलन बीकानेर शहर में ही ज्यादा प्रभावी है और घोड़ी पर दावं लगाने के लिये बीकानेर समेत आस पास शहरों-कस्बों से भी बड़ी तादाद में जुआरी यहां आते है। जानकारी में रहे कि नया शहर पुलिस ने बीती रात भी मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में जुएबाजी के एक अड्डे पर दबिश देकर घोड़ी पर हजारों रूपये का दाव लगाते आठ जुआरियों को दबोच कर उनसे 96220 रूपये नगदी बरामद की,इसी तरह बीते शुक्रवार की रात भी नया शहर पुलिस ने कोठारी होस्पीटल रोड़ पर जुएबाजी के एक छोटे ठिकाने पर दबिश देकर मौके पर घोड़ी पर दाव लगाते चार जुआरियों को दबोच कर उनसे 22 हजार रूपये बरामद किये थे।
पुख्ता खबर है कि शहर में बंद व सुने मकानों में चल रहे जुए के अड्डो पर ताश के पत्तों और घोड़ी पर लाखों के दांव लग रहे हैं। जुआरियों में युवाओं के अलावा बड़ी तादाद में वरिष्ठ और प्रबुद्धजन भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक शहर के बिस्सों का चौक,रत्ताणी व्यासों का चौक,सुनारों की गुवाड़ का तीन थम्बा क्षेत्र समेत जुएबाजी के लिये कुख्यात तमाम इलाकों में चारों प्रहर जुआ चल रहा है। शहर में दिवाली के सीजन पर जुए का जोर रहता है,इसकी जानकारी पुख्ता तौर पर पुलिस को है,लेकिन जुआरियों के ज्यादात्तर अड्डों का संचालन प्रभावशाली लोगों के हाथ में होने के कारण पुलिस भी कार्यवाही में नाकाम बनी हुई है। अपनी साख रखने के लिये पुलिस केवल खानापूर्ति के लिए एक-दो कार्रवाई कर इतिश्री कर रही है। हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने जुआरियों पर लगाम लगाने के लिये सख्ती बरतने की हिदायत दे रखी है,लेकिन जुआरियों पर पुलिस की सख्ती नजर नहीं आ रहे है।