अनूप कुमार सैनी
रोहतक, 4 नवंबर। शोध कार्य का उद्देश्य समस्या निवारण होना चाहिए। सामाजिक शोध को समाजोपयोगी होना चाहिए तथा सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए केन्द्रित होना चाहिए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने ये उद्गार आज मनोविज्ञान विभाग द्वारा सामाजिक विज्ञान में शोध प्रविधि विषयक सात दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
कुलपति ने कहा कि उच्च शिक्षा तथा शोध का उपयोग मानव कल्याण के लिए होना चाहिए। समाज की समस्याओं के निवारण के लिए शोध किया जाना चाहिए, ऐसा उनका कहना था।


कार्यशाला उद्घाटन सत्र में चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एण्ड इकोनोमिक चेंज की निदेशिका प्रो. नीना सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि चौ.रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में विभिन्न कार्यशालाओं के आयोजन से विश्वविद्यालय में शोध संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।


मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्यशाला की आयोजन सचिव डा. दीप्ति हुड्डा ने मंच संचालन किया। डा. दीप्ति ने आभार प्रदर्शन भी किया।


आज शोध कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रो. सोनिया मलिक, प्रो. शालिनी सिंह, प्रो. पूनम मिढ़ा, प्रो. अंजलि मलिक, प्रो. सर्वदीप कोहली, डा. शशि रश्मि समेत मनोविज्ञान विभाग के अन्य प्राध्यापक, पीआरओ पंकज नैन, स्टाफ सदस्य, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं डेलीगेट्स उपस्थित रहे। इस कार्यशाला का आयोजन मनोविज्ञान विभाग ने चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एण्ड इकोनोमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में किया।
