बीकानेर /आरएनबी ग्लोबल विश्वविद्यालय द्वारा के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा दिनांक 14 दिसंबर को दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया गया I कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय जयपुर राजस्थान के पूर्व कुलपति प्रोफेसर उत्तमचंद सांखला थे I
भोजन अवकाश के बाद इस नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे वर्किंग सेशन का आरंभ किया गया I दूसरे वर्किंग सेशन का विषय भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार का संरक्षण था I इस सेशन के अध्य्क्षता दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ अजय कुमार ने की Iवहीं इस सेशन की रिसोर्स पर्सन के रूप में राजकीय स्नातकोत्तर विधि महाविद्यालय बीकानेर की प्रोफेसर डॉक्टर कुमुद जैन थी I उन्होंने अपना पेपर इंडियन फार्मास्यूटिकल पेटेंट लॉ एंड प्रॉब्लम्स पर प्रस्तुत किया और हाल ही में सरकार द्वारा जीवन रक्षक दवाइयों पर अनिवार्य लाइसेंस देने के कदमों और पेटेंट अधिनियम 1970 के प्रावधानों के संबंध को प्रमुखता पूर्वक रेखांकित किया I
सेशन की समाप्ति अंजय कुमार की संक्षिप्त टिप्पणी के साथ हुआ और उन्होंने भारत में बौद्धिक संपदा संबंधी अधिकार और विधियों की को और मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया I दूसरे सेशन के अंत में सेशन के रिपोर्टर्स के रूप में सहायक आचार्य कादंबरी व्यास ने सत्र की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया I
प्रथम दिन के तीसरे सेशन का विषय वैयक्तिक विधियों में सुधार की आवश्यकता था I सेशन की अध्यक्षता जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर कोमल औदिच्य ने की I वही रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रोफेसर यू. सी. सांखला थे I उन्होंने मुस्लिम विधियों में सुधार की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए और तलाक के संबंध में हाल में ही संसद द्वारा पारित किए गए अधिनियम के प्रावधानों को विश्लेषक किया Iदूसरे वक्ता के रूप में आरएनबी ग्लोबल विश्वविद्यालय बीकानेर के स्कूल ऑफ लॉ के प्रोफेसर डॉ उदय देशपांडे ने यूनिफॉर्म सिविल कोड तथा जनसंख्या नियंत्रण विषय पर अपना पेपर प्रस्तुत किया I उन्होंने समान नागरिक संहिता को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया और समान नागरिक संहिता को धार्मिक आस्था का विषय ना होने की बात भी रखी I
तीसरे वक्ता के रूप में सहायक आचार्य श्री सोफिया कौसर ने हलाला विवाह को समाप्त करने की आवश्यकता पर अपना पेपर प्रस्तुत किया I उन्होंने इसे एक सामाजिक बुराई बताते हुए इस पर विधिक नियंत्रण की आवश्यकता को रेखांकित कियाI bba.llb चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा अनमोल पारख जैन ने व्यक्तिगत विधियों में सुधार की गुंजाइश विषय पर अपना पेपर प्रस्तुत किया I अगले वक्ता के रूप में हिंदू विधि में सुधार विषय पर प्रोफेसर जी एस करकरा ने अपने विचार व्यक्त किए I तीसरे सेशन के अंत में सेशन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कोमल औदीच्य ने सभी वक्ताओं के विचारों का विश्लेषण किया और रिपोर्टर्स के रूप में सुश्री सोफिया कौसर ने सेशन की रिपोर्ट प्रस्तुत की I
इस नेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन भी 3 वर्किंग सेशन का आयोजन किया गया है पहले वर्किंग सेशन का विषय पर्यावरणीय विधियों के बदलते हुए रुझान और न्यायपालिका की भूमिका है I इस सेशन में कई वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है I दूसरे सेशन का विषय है भारत में आपराधिक विधियों में सुधार की आवश्यकता है I तीसरे सेशन का विषय व्यवसायिक लेनदेन के संबंधित विधियां है I 16 दिसंबर को इन तीनों वर्किंग सेशंस में देश के कई प्रख्यात विधि विज्ञानों द्वारा विशेषज्ञों द्वारा अपने पेपर का प्रदर्शन या वाचन किए जाने की संभावना है I