

जयपुर, 24 दिसंबर। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि राज्य सरकार विद्युत उत्पादन में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की प्राथमिकता है कि राज्य में अधिक से अधिक ऊर्जा का उत्पादन हो, इसी दिशा में सजगता से प्रयास करते हुए हमने राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में 946 मेगा वाट अतिरिक्त बिजली प्राप्त की है। इसमें राज्य में पैदा तथा अंतर राज्यीय समझौता से प्राप्त विद्युत शामिल है।
डॉ. कल्ला मंगलवार को जयपुर जिले के दूदू उपखंड के तहत पड़ासौली में 33 केवी ग्रिड सब स्टेशन का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पहले वर्ष के कार्यकाल में छबड़ा में 660—660 मेगावाट की दो सुपर थर्मल पावर यूनिट राज्य की जनता को समर्पित की गई। ऊर्जा विभाग आगामी मार्च तक सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर की 660 मेगावाट क्षमता की इकाई का भी लोकार्पण करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से आगामी वर्षों में 6500 मेगा वाट बिजली पैदा करने की कार्य योजना तैयार की गई है। राज्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से एक लाख 42 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता है। राज्य में परम्परागत स्रोतों से विद्युत का उत्पादन बढ़ाने के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सौर ऊर्जा तथा पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 जारी की है। इनमें स्टांप ड्यूटी एवं सीलिंग में छूट सहित कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। ये नीतियां प्रदेश में सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।