देश में जो वर्तमान परिदृश्य दिखाई दे रहे हैं, उस पर आपके क्या विचार हैं ?

नई दिल्ली / 02 मार्च वर्ष 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनी और प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जी का राष्ट्रीय पटल पर उदय हुआ। कई ऐसी विदेशी ताकतें हैं, जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं। देवगौड़ा, गुजराल, मनमोहन सिंह ये सारे कमजोर प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी के प्रभाव में थी। तब विदेशी ताकतें बहुत आसानी से भारत को विश्वशक्ति न बनने देने का कार्य करती रहीं। भारत-पाकिस्तान आपस में ही उलझे रहें और लड़ते रहें, यही विदेशी ताकतें चाहती थीं। लेकिन नरेन्द्र मोदी किसी के बंधन या दबाव में नहीं आए और

धीरे-धीरे दुनिया में मोदीजी और भारत को मान्यता व प्रतिष्ठा मिलने लगी। अभी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय भारत यात्रा पर आये थे और उन्होंने मोदीजी और भारत की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। एक ओर भारत देश दुनिया में मोदी जी के नेतृत्व में नित नए ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाता जा रहा है और दूसरी ओर विदेशी ताकतों के इशारे पर राष्ट्र विरोधी तत्व मोदी जी और देश को बदनाम करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रच कर विरोध प्रदर्शन कर रही है।

सीएए को लेकर मुस्लिम समुदाय में काफी रोष दिखाई दे रहा है, उसका क्या कारण है ?

इसमें दो प्रकार के कारण है। एक है इस कानून के बारे में बिना कुछ जाने समझे भयभीत हो जाना और दूसरा है मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जाना। जबकि सच्चाई यह है कि इस कानून से किसी भी नागरिक को कोई खतरा नहीं है। सीएए में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे घबराना पड़े। किसी की नागरिकता छिनने का प्रश्न ही नहीं है। इस कानून में धार्मिक रूप से भेदभाव करने का कहीं कोई उल्लेख नहीं है।

इसलिए किसी के साथ अन्याय करने का तो सवाल ही नहीं उठता। इसके पूर्व समय-समय पर कांग्रेस के शासनकाल में भी शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात कही गई है। महात्मा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान पार्लियामेंट में बार-बार कांग्रेस ने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का समर्थन किया है। महात्मा गांधी ने भी भारत में हिन्दुओं और सिखों को नागरिकता देने की बात कही थी। तत्कालीन सरकारों ने उन्हें नागरिकता नहीं दी लेकिन उन्हें एक पर्चा जरुर दिया था। नागरिकता के बिना तो नौकरी नहीं मिलती, इसके लिए तत्कालीन सरकार के द्वारा उन्हें कुछ सुविधाएँ दी जाती थीं। उन्हें अपनी जिन्दगी गुजर बसर करने के लिए भत्ता दिया जाता था। उस समय वह सभी टेंटो में रहते थे। अब सीएए के खिलाफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने प्रोपेगेंडा करना शुरू कर दिया है। मुस्लिम समुदाय को भड़काना शुरू कर दिया है कि तुम्हारी नागरिकता खतरे में है घरों से बाहर निकलो। सीएए के खिलाफ में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं का इस्तेमाल एक रणनीति के तहत किया जा रहा है। मैंने गृह मंत्री जी से कहा है कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बच्चों का इस तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यह हमारे कानून के खिलाफ है।