प्रशांत कुमार/सुपौल(ओम एक्सप्रेस ब्यूरों )

देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का दहसत और असर देखने को मिल रहे है ।वही देश में कोरोना से बचाव और सावधानी के मद्देनजर देश में लॉक डाउन कर दिया है। लोगो को घरों में रहने को कहा जा रहा हैं , कोरोना के खौफ से लोग घरो में है ।
वही बिहार के सुपौल जिले के किसान अपनी रबी की फसलों को लेकर चिंतित है की खेतो में फसल पककर तैयार हो चुकी है उसे काटेंगे कैसे क्योकि मजदुर खेतो पर जाने से डर रहे है वही किसानो की साल भर की जमापूंजी के नुकसान को लेकर चिंता जाहिर किया है।

सुपौल में कोरोना के दहसत ओर कोरोना को लेकर लॉक डाउन से किसान परेशान है । किसानो ने बताया महीनों की मेहनत और लाखों की लागत से खेतो में गेहूं और सरसों का फसल पक तैयार है ,लॉक डाउन और कोरोना कर डर से मजदूर फसल काटने या काम करने नही आ रहे हैं ।किसी तरह कुछ किसान अपने फसल काटे भी तो ट्रक्टर और थ्रेसर वाले फसल तैयार करने नही आ रहे हैं ।वही ट्रैक्टर और थ्रेसिंग करने वाले किसानों ने बताया लॉक डाउन के कारण ट्रक्टर ,थ्रेसर नही निकाल रहे हैं ,और मजदूर भी नही मिल रहा हैं ।हमलोग चौतरफा मार झेल रहे हैं ।फसल खेतो में पक कर तैयार हैं ,काट नही हैं ।

सब्जी पटसन के बिना सूखा जा रहा हैं ।
जिले में हजारो हेक्टरों में लगी गेंहू ,सरसो की फसल किसानो ने बड़े अरमानो से लगाया था की उस फसल के तैयार से साल भर की जमापूंजी हो जाएगी मगर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से आज आलम ऐसा है की किसान खेतो में जाने से डर रहे है की कोरोना की महामारी की चपेट में ना पड़ जाये ,वही किसान अगर हिम्मत करके खेतो में लगी फसलों को लेकर जाता भी है तो इतने फसलों को कटाने वाले मजदुर जाना नहीं चाह रहे जिससे साल भर की कमाई वाली जमापूंजी को नुकसान को लेकर किसान ना केवल चिंता जाहिर कर रहे है बल्कि उन्होंने सरकार से मदद की मांग कर रहे है ऐसे में फसल बर्बाद होने से किसान का कहना है जो सरकार थोड़ी राहत दे रही है उससे थोड़े दिन पेट भर जायेगा मगर मेरी तो साल भर की कमाई नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है जबकि 14 अप्रैल तक देश में लॉक डाउन किया गया है ऐसे में किसान के खेतो में लगी फसलों का क्या होगा बड़ा सवाल है ।