जयपुर। फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (फोर्टी) के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय बैंक संघ के अधिशासी निदेशक सुनील मेहता को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया है कि अप्रैल-जून 2020 तिमाही के लिए बैंकों से लिए गए कारोबारी उधार पर ब्याज राहत दी जाये।

साथ ही बताया हमारे द्वारा पत्र में लिखा गया है कि मार्च के तीसरे सप्ताह की समाप्ति के साथ ही लाक डाउन शुरू हो गया था, जिस कारण फैक्ट्रियों में उत्पादन और बाजार में कारोबार ठप हो गया है। अभी केंद्र सरकार ने लाक डाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है, आगे की स्थिति का अभी पूर्वानुमान नहीं है। ऐसे में जून तक टोटल बिजनेस लास की स्थिति दृष्टिगत हो रही है। नतीजा कारोबारी के लिए बैंक से लिये गये उधार की किश्त और उसकी ब्याज राशि का भुगतान करना संभव नहीं है।

व्यापार उद्योग पूर्व में ही वेंटिलेटर पर चल रहा था परन्तु लॉकडाउन के पश्चात स्थिति ओर अधिक नाजुक बन गई है । सरकार को जो रेवेन्यू देने वाला सेक्टर है उसमें एम.एस.एम.ई का बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए एम.एस.एम.ई सेक्टर में ब्याज पर सरकार की तरफ से 3 महीनों के लिए छूट दि जाएं, ताकि व्यापार उद्योगो मरणासन की स्थिति से निकलकर जिंदा हो सके जिससे सरकार को रेवन्यु के साथ साथ जनता को रोजगार भी मिल सकेगा ।

अग्रवाल ने अमेरिका का उदाहरण दिया और बताया कि वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी के पूर्व वहां के कारोबारियों ने उधार राशि की एवज में अपनी संपदा बैंकों को सुपुर्द करना शुरू कर दिया था। नतीजा उधार की एवज में ली गई संपदा बैंकों के लिए बोझ बन गई और इन संपदाओं का निस्तारण जब बैंकों ने प्रारंभ किया तो पूरे अमेरिका में तरलता संकट आ खड़ा हुआ। जिसने ग्लोबल मंदी को जन्म दिया।

भारत में ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक का प्रबंधन सुनिश्चित करे की एक तिमाही के लिए MSME की सभी तरह की कारोबारी उधार पर ब्याज न लें। और सरकार सहयोग करेगी तो आगे कारोबार न केवल बेहतर चलेगा बल्कि देश के समग्र विकास में दोनों का साझा भी महत्वपूर्ण रहेगा।

फोर्टी बैंकिंग कमेटी से श्री देवेंद्र मनचंदा ने बताया सबसे बड़ी समस्या है उत्पादन के लिए मज़दूरों व् कर्मचारियों का काम पर वापिस लौटना l ये मान लेना बिलकुल संभव नहीं है की लोक डाउन समाप्त होते ही प्रोडक्शन शुरू पूर्ण कैपेसिटी पर शुरू हो जाएगा और समस्त कर्मचारी काम पर भी लौट आएंगे और जो प्रोडक्शन होगा वो पूर्ण रूप से बिक जाएगा और तुरंत तरलता सिस्टम में आ जायेगा l लेकिन उद्योगों फिक्स्ड कॉस्ट बिजली, वेतन और किराया शुरू हो जाएगा l 2020 -21 में GDP में कोई वृद्धि संभव नहीं है l ऑटो सेक्टर 50 ,000 करोड़ का नुकसान का अनुमान है l इसी तरह से mining , कृषि, जल, power, में नकारात्मक वृद्धि होने की सम्पूर्ण सम्भावनाये हैं l

इन समस्या को ध्यान में रखते यदि सरकार ने ब्याज माफ नही किया तो 40 प्रतिशत व्यापार पूर्णतया बन्द हो जायेगा ।