– मिशन एकता समिति प्रदेशाध्यक्ष बोली, लाकडाउन में हर वर्ग के सामाने आर्थिक संकट उत्पन्न, सरकार पूरी तरह आई बैकफुट पर
वैशाली सैनी
रोहतक, 21 अप्रैल। मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलड़िया ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेशवासी राष्ट्रहित में अपने फर्ज को लगातार निभा रहे है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों की कोई सुध नहीं ली जा रही है।
मंगलवार को जारी बयान में समिति प्रदेशाध्यक्ष कांता आलड़िया ने कहा कि लॉकडाउन के चलते आज सभी छोटी बड़ी औद्योगिक ईकाईया बंद पड़ी है, जिसके चलते हर वर्ग के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है, ऐसे में सरकार लोगों को राहत नहीं पहुंचा कर उनके जख्मों में पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश आज जिस आपातकाल स्थिति से गुजर रहा है, ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि वह लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा राहत पहुंचाए लेकिन सरकार अनाप शनाप फैसले ले रही है, जिससे लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष है।
कांता ने कहा कि इस आपातकाल स्थिति में सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं लगातार गरीब व जरूरतमंद लोगों को राहत साम्रगी उपलब्ध करा रहीं है, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई उचित कदम नहीं उठा रही है। आज हालात यह है कि सरकारी डिपों पर भी गरीब व अहसाय लोगों को पूरा राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है, जिससे सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है।

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्गीय परिवारों को सरकार द्वारा अभी तक कोई राहत नहीं दी गई है, बल्कि लोगों को बिजली बिल भरने, बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में फीस देने के लिए बाध्य कर रही है, जिससे सरकार का दोहरा चरित्र सामने आया है।
कांता आलड़िया ने सरकार से सवाल किया कि जब लाकडाऊन के दौरान सब कुछ बंद है तो सरकार निजी स्कूलों के दबाव में आकर अभिभावकों पर फीस भरने व बिजली के बिलों की अदायगी करने का क्यों दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि इस आपातकाल स्थिति में अन्य प्रदेशों की सरकारे जब जनहितेषी फैसले ले सकती है तो भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेशहित में फैसले क्यों नहीं ले रही है। उन्होंने सरकार से तुंरत हर वर्ग को राहत प्रदान करने की मांग की।