जयपुर । कुख्यात बदमाश और सुपारी किलर आनन्द पाल सिंह को गुरुवार परबतसर से पेशी से लौटते समय बोलेरो में सवार होकर आए आधा दर्जन बदमाशों ने पुलिस बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को घायल करके उसको छुड़ाकर ले गए।
घटना उसे समय हुई जब अजमेर सेन्ट्रन जेल से उसे परबसर कोर्ट में एक फायरिंग मामले में पेश करके पुलिस वापस लेकर जा रही थी। बस में उसकी सुरक्षा के लिए दो पुलिस उपनिरिक्षक सहित तीस पुलिसकर्मी तैनात थे। उसके अलावा संबधित थाने की एस्कोर्ट आगे चल रही थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों के हाथ-पंाव फूल गए मौके पर पहुंचकर पूरे राज्य में कड़ी नाकाबंदी करवा दी है। मामले की गंभीरता देखते हुए पूरे मामले पर खुद गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया और पुलिस महानिदेशक पल-पल की जानकारी ले रहे है।
पुलिस महानिरिक्षक अजमेर रेंज मालिनी अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार सुबह अजमेर सेन्ट्रल जेल से नागौर जिले के परबतसर कोर्ट में एक फांयरिंग के मामले में तीस पुलिसकर्मी बस में लेकर रवाना हुए थे। पेशी करवाकर करीब शाम साढ़े चार बजे वापस अजमेर लेकर जा रही थी।
उसी दौरान खोखर गांव के पास एक सफेद रंग की बिना नम्बरी बोलेरो कार आई और बस के आगे फिल्मी स्टाइल में लगाकर बस पर अंधाधुध फायरिंग कर दी। जिससे बस में सवार पुलिसकर्मियों को फायरिंग करने का मौका तक नही मिला और तब ही उसके आगे चल रही परबतसर थाने की जीप में सवार थानाधिकारी अनिल पाण्डेय और जवानों ने गोलिया चलाई लेकिन उन पर भी फायरिंग कर दी।
जिसके बाद पुलिसमर्मियों के गोली लग गई और घायल हो गए और आनन्द पाल सिंह को लेकर फरार हो गए। इतला मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने घायल हुए पुलिसकर्मियों को तत्काल अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
जहां पर दो की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही आला-अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे राज्य में कडऱ नाकाबंदी करवा दी। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस महानिदेशक मनोज भटट पूरे मामले की खुद निगरानी कर रहे है।
गृह मंत्री खुद ले रहे जानकारी
मामले की जानकारी मिलते ही गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने रेंज आईजीपी मालिनी अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक गौरव श्रीवासतव से बात करके उसे ढूढने के लिए क्या क्या कदम उठाया गया इस बारे में जानकारी ले रही है और जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कही है।
अतिरिक्त गृह सचिव ने मिटिंग बुलाई
आनन्द पाल सिंह को कैसे पकड़ा जाया इसको लेकर अतिरिक्त गृह सचिव एन मुखोपध्याय ने गुरुवार शाम को पुलिस महानिदेशक मनोज भटट, एटीएस चीफ आलोक त्रिपाठी,एडीजीपी अपराध पंकज कुमार सिंह सहित आला-अधिकारियों की मिटिंग लेकर पूरे मामले की जानकारी ली। वही पर एसओजी ने भी उसे पकडऩे के लिए एक टीम परबतसर सहित आसपास के इलाकों में रवाना कर दी है।
बोलेरो में सवार होकर आए आधा दर्जन बदमाश
परबतसर से पेशी के बाद जैसे ही अजमेर पुलिस और आगे चल रही परबतसर थाने की जीप के आगे शहर से बाहर आते ही जिसे बस में आनन्द पाल सिंह सवार था। उसके आगे फिल्मी स्टाइल में बोलेरो कार आगे लगाकर पुलिस बस पर अंधाधुध फांयरिग कर दी जिसके बाद पुलिसकर्मियों को सभ्भलने का मौका तक नही मिला और उसे छुड़ाकर ले गए। उसको पकडऩे के लिए एस्कोर्ट लेकर चल रहे परबतसर थानाधिकारी और दो पुलिसकर्मियों पर भी जबर्दस्त फांयरग कर दी। जिससे तीनों घायल हो गए।
एसओजी ने दो साल की मेहनत के बाद पकड़ा था।
कुख्यात बदमाश आनन्द पाल सिंह को एसओजी ने दो साल की मेहनत के बाद फागी कस्बे के मोहब्बपुरा रोड़ स्थित एक फार्म हाऊस से पकड़ा था। उसे दौरान उसने एसओजी के टीम पर एके 47 तान दी थी। लेकिन एसओजी के अधिकारियों ने भी उसके ऊपर रिवाल्वर तान दी थी। जब जाकर काबू में आया और उसे पकड़ पाई थी। उसे दौरान उसके पास एके 47 और करीब सौ गोलिया मिली थी। यह सब उसने किसी गैंग से खरीदना बताया था।
पकडऩे वाली टीम को गैलेन्टी अवार्ड और प्रमोशन दिया था
एसओजी की टीम ले जब उसे कालवाड़ स्थित एक फार्म हाऊस पर पकड़ा था। उसे दौरान पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। राज्य सरकार ने तत्काल पुलिस उपनिरिक्षक कामरान खांन को पुलिस निरिक्षक और आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को भी प्रमोशन दिया गया था। आज तक यह फाइल राज्य सरकार के पास पड़ी है।
बीकानेर जेल में हुआ था हमला
करीब छह माह पहले वर्चस्व की लड़ाई को लेकर छह माह पहले बीकानेर सेन्ट्रल जेल में राजू ठेठ और उसके बीच झगड़ा हुआ था। उसमें राजू ठेठ सहित तीन जनों की मौत हुई थी। इसलिए इसे तत्काल अजमेर सेन्ट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
एक दर्जन जिलों में दहशत है।
आनन्द पाल सिंह की अजमेर,नागौर,भीलवाड़ा,सीकर,झुन्झुनू,चूरू,बीकानेर, श्री्रगंगानगर,हनुमानगढ़ में इस कदर आतंक है कि उसकी मर्जी के बिना मंत्री विधायक,सरकारी अधिकारी और व्यापारियों में जबर्दस्त दहशत व्याप्त है। बकायदा चुनावों में कई विधायकों को खुला समर्थन देता था। इसको लेकर पुलिस अधिकारी दबी जुबान से स्वीकार करते है।
तीन चार कैदी और फरार हुए
पुलिस सूचना के अनुसार आनन्द पाल सिंह के साथ तीन चार कैदी दूसरे भी फरार हुए है। जिनके बारे में पुलिस ने जेल से रिकार्ड मांगा है। पुलिस को उन पर भी शक है। पुलिस सभी का ेअजमेर के आसपास के इलाको में ढूढ़ रही है। वही पर एटीएस और एसओजी की टीम उसके छिपने वाले स्थानों पर छापे मार रही है।
कौन है आनन्द पाल सिंह
नागौर जिले के लाडनू तहसील के संावरदा गांव का रहने वाला है उसके पिता का नाम हुकुम सिंह हे उनके पिता की मौत के बाद हुई तीये की बैठक में राज्य सरकार के दो मंत्री शामिल हुए थे जिसको लेकर कई तरह की चर्चा सामने आ रही है।
यहां से लगा अपराध जगत में सन् 2006 में नागौर जिले में जीवण राम की गोलियों से भूनकर हत्या की थी।
जिसके बाद व ताबड़तोड़ हत्या करता रहा और सीकर में गोपाल फोगावट की हत्या भी उसने की है पुलिस की फाइल में लगातार उसके नाम चढ़ता गया उसके बावजूद समय रहते पुलिस ने उसे काबू में नही कर पाई थी जिससे उसके हौसले बुलंद होते चले गए और राज्य का सबसे कुख्यात बदमाश बन गया।
राज्य के सभी थानाधिकारियों ने पहनी बुलेट पू्रफ जैकेट
आनन्द पाल सिंह को नाकाबंदी के दौरान ढूढने के लिए पुलिस महानिदेशक ने सभी थानाधिाकरियों को अलर्ट रहने को कहां और राजधानी के सभी थानाधिाकरी बकायदा बुलेट पू्रफ जैकेट पहनकर आने को कहा।
दो दर्जन मुकदमे दर्ज है
आनन्द पाल सिंह के खिलाफ अकेले डिडवाना में 13 मुकदमें दर्ज है जिनमें आठ में भगोड़ा घोषित कर रखा है। इसके अलावा सीकर बीकानेर सहित कई जिलों में हत्या और जानलेवा हमले के मुकदमें दर्ज है।