बीकानेर । 23वां अखिल भारतीय मांड समारोह यहां टाउन हॉल में को भावभीनी स्वरांजलि के साथ सम्पन्न हो गया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के सहयोग से आयोजित स्वरांजलि में जोधपुर, नागौर रतनगढ़, बीकानेर नगर के कलाकारों ने मांड गीत पेश किए।
मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान प्रबन्ध निदेशक डॉ अजीज अहमद सुलेमानी ने कहा कि मांड समारोह बीकानेर का अपना है। इसमें मांड को चिरस्थाई बनाए रखने में सफलता मिली है। समारोह संयोजक अशफाक कादरी ने जाईमां अल्लाह जिलाई बाई की संगीत साधना पर प्रकाश डालते हुए मांड समारोह के कलाकारों का परिचय दिया।
कार्यक्रम में मुंबई के फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर के माथुर, वरिष्ठ संगीतज्ञ राजेन्द्र जोशी, मोहनलाल मारू, राजाराम स्वर्णकार ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। समारोह के मुख्य अतिथि बीकानेर (पश्चिम) के विधायक डॉ गोपाल जोशी, विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा थे।
बिखरे मांड के स्वर, गीत, नृत्य
कार्यकम में वरिष्ठ संगीतज्ञ डॉ मुरारी शर्मा की परिकल्पना एवं नृत्य गुरु डॉ कल्पना शर्मा के निर्देशन में श्री संगीत भारती के कलाकारों ने मीरा के पद ‘म्हारा जूना जोशी हरिजी सूं मिलण कद होसी’ पर मांड नृत्य प्रस्तुत किया। बीकानेर के राकेश बिस्सा ने बाई सा रा बीरा गीत सुनाया। कार्यक्रम में वरिष्ठ मांड गायक रामेश्वर आनंद को अल्लाह जिलाई मांड सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अभा मांड गायन प्रतियोगिता के बाल वर्ग में संजना सुथार, किशोर वर्ग में सलीम, युवा वर्ग में नरोत्तम रंगा विजेता रहे। स्वरांजलि कार्यकम में रतनगढ़ की सुमन शर्मा, मेडता रोड नागौर के दयाराम भांड पार्टी ने ओलू, लोक गीत, म्हारी सजनी तथाा मीरा के पद सुनाए। जोधपुर के दलपत डांगी ने भी प्रस्तुति दी। पूर्व में सुबह 8 बजे बडे कब्रिस्तान में अल्लाह जिलाई बाई मजार पर कुरानखानी हुई।