अनूप कुमार सैनी
रोहतक, 7 जून। महिलाओं द्वारा की शिकायत के आधार पर पुरुषों पर दिन प्रतिदिन हो रही ज्यादतियों और दर्ज मुकद्दमों को लेकर राष्ट्रीय बाल और महिला विकास आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजना सोनी पुरुषों के हक में खड़ी हुई है। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से उत्पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संविधान में महिला आयोग का गठन किया हुआ है, उसी प्रकार से निर्दोष पुरूषों को न्याय दिलाने के लिए पुरूष आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

उनका कहना था कि जब मामला महिला और पुरूष के बीच का हो तो उससे सुलझाने के लिए दोनों आयोगों का होना बहुत जरूरी है। अधिकत्तर महिलाएं महिला आयोग का नाजायज फायदा उठा कर निर्दोष पुरूषों को सजा दिला देती हैं इसलिए पुरूष का पक्ष या उसे न्याय दिलाने के लिए पुरूष आयोग का गठन किया जाए। जब एक पुरूष और एक औरत में संबंध आपसी रजामंदी से बनते है तो फिर एक पुरूष को ही सजा क्यों। यह बात राष्ट्रीय बाल और महिला विकास आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष अन्जना सोनी ने आज यहां व्यक्त की।
अंजना सोनी ने कहा कि हमारे देश में यह यह कानून बिलकुल गलत है। महिलाओं के प्रति जो कानून बनाए गए हैं, अधिकतर महिलाएं उन कानूनों का गलत इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि जब एक पुरूष महिला की सभी जरूरतेन पूरी करता हैं तो वह उस महिला को अच्छा लगता है, जब वह उस महिला की ईच्छाओं की पूर्ति नहीं कर पाता है तो वह महिला उसकी शिकायत दर्ज करवाने पुलिस थाने या महिला आयोग में पहुंच जाती है और उस पुरूष को सजा दिलवाने में भरसक प्रयास करती है।
उन्होंने कहा कि पुरूष यह नहीं समझ पाता है कि यह मुसीबत उसी के कारण आई है, वह अपने ही जाल मेें खुदबखुद फंस जाता है। पुलिस पुरूष को पकड़ लेती है और उसकों सजा दिलवाती है। ऐसे मामलों में स्त्री व पुरूष दोनों की ही भागेदारी होती है, फिर सजा पुरूष को ही क्यों दी जाती है। सजा दोनों को सजा देनी चाहिए।
राष्ट्रीय बाल और महिला विकास आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि पुरूषों को न्याय दिलाने के लिए पुरूष आयोग का गठन किया जाए, सरकार को इसमें कड़ा स्टैण्ड लेना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वे सभी मामलों की निष्पक्ष जांच करके ही सजा दे, न कि किसी एक के कहने पर।