-:गर्भपात के बाद सड़क किनारे पड़ा रहा दो माह का भ्रूण
-:ब्लीडिंग होने पर भी महिला को उचित उपचार नहीं मिला
-:अस्पताल के पीएमओ ने दिए जांच के आदेश
सन्तोष सैनी
झज्जर। बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। यहां उपचार के लिए आई एक गर्भवती महिला का अस्पताल परिसर में ही गर्भपात हो गया। पीड़िता को अधिक ब्लीडिंग हो रही थी।
पीड़िता के पति भूपाली ने बताया कि वे अस्पताल के अंदर गए तो उन्हें 8 नम्बर काऊंटर पर पर्चा बनाने को भेज दिया। फिर 8 नंबर वालों ने पर्चा बनाने की बजाए दवाई लेने को कह दिया। फिर जब इलाज को कहा तो उन्हें बाहर निकाल दिया और पुलिस बुलाने की धमकी दी गई। जिसके बाद वो बाहर आ गए और बाहर दर्द से तड़पती उनकी पत्नी का गर्भपात हो गया।
जब गर्भपात हो गया और ब्लीडिंग बढ़ती गई, उसके बाद लोग इकठ्ठा होने लगे। तब कहीं जाकर अस्पताल का स्टाफ पीड़िता को अंदर ले गया, जहां उसे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया है। डॉक्टरों ने फजीहत होने के बाद महिला का इलाज तो शुरू कर दिया लेकिन सड़क पर गिरे भ्रूण को नहीं उठाया।
जब मीडिया के लोग पहुंचे, तब जाकर भ्रूण को उठाया गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय दहिया ने जांच के आदेश दे दिए। महिला विभाग की डॉक्टर को जांच सौंपी गई है।