उज्जैन।कानपुर गोलीकांड के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने मंदिर में चिल्ला-चिल्लाकर खुद को विकास दुबे बताया। इसके बाद गार्ड ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। शिवराज चौहान ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी। इसी बीच यूपी पुलिस की एक टीम मध्यप्रदेश के रवाना हो गई है।अज्ञात जगह पर हो रही है पूछताछमध्यप्रदेश पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से अज्ञात जगह पर पूछताछ कर रही है। अदालत से रिमांड के बाद उसे यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा।

किलेनुमा मकान में बंकर भी बना रखा था, पुलिस पर एके 47 से चलाईं गोलियांविकास का मकान चारों ओर से 20 फीट ऊंची और मोटी चहारदीवारी से घिरा हुआ था। दीवारों पर कंटीले तार भी थे। मकान में उसने बंकर बना रखा था, जबकि निगरानी के लिए उसने 50 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे। प्रशासन की कार्रवाई से पहले घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर पुलिस ने रोक लगा दी थी।आठ पुलिसवालों के हत्यारे का घर तोड़ा, तलाश में 100 टीमेंउत्तर प्रदेश के कानपुर में पकड़ने गई टीम के 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में वांछित अपराधी विकास दुबे का बिकरु गांव में स्थित मकान ढहा दिया गया था। बीते शनिवार सुबह प्रशासन की टीम ने उसी जेसीबी से उसके घर को ढहा दिया जिससे उसने पुलिस का रास्ता रोका था। इसके साथ ही विकास के मकान में खड़े ट्रैक्टर सहित 60 लाख की कीमत वाली दो एसयूवी गाड़ियां भी तोड़ दी थीं।एनकाउंटर के डर से आत्मसमर्पण करना चाहता था विकास दुबेमहाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे जाने के डर से विकास दुबे आत्मसमर्पण करना चाहता था। मंदिर परिसर पहुंचने के बाद वो चिल्ला चिल्लाकर कहने लगा कि वह ही विकास दुबे है। उसने महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से कहा कि पुलिस को उसके बारे में सूचना दी जाए।विकास दुबे (Vikas Dubey) की गिरफ्तारी पर मध्य प्रदेश के बहादुर पुलिस अधिकारी अपने इंटेलीजेंस की सफलता का गुणगान कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की पुलिस अपनी सतर्कता और हर जगह चौकसी की बातें कर रही है. फिर भी एक आवाज जो गोपनीय सतर्कता की खामोशी को तोड़ दे रही है, वो है – ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला’. जी हां, जो विजुअल टेलीविजन पर चल रहे हैं उसमें विकास दुबे खुद अपनी पहचान बता रहा है. साथ ही ये भी कह रहा है ‘कानपुर वाला हूं.’शातिर बुद्धि का इस्तेमालवैसे भी उसके दुर्दांत दुस्साहस ने विकास को इतना तो मशहूर कर ही दिया है कि नाम से उसे पहचान लिया जाए. इस अपराधी के शातिर होने की गवाही इसकी कार्यशैली से मिल ही चुकी है. ये अपराधी हर पार्टी के नेता और तमाम बड़े अधिकारियों के संपर्क में था. इसकी तमाम तस्वीरें मीडिया और सोशल साइटों पर हैं. कहीं इसी शातिर बुद्धि का इस्तेमाल करके विकास दुबे ने महाकाल पहुंचने की योजना तो नहीं बनाई. उसे ये भी पता था कि महाकाल मंदिर परिसर के आसपास हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. अगर उसे निहत्था मारने की कोशिश भी की जाती तो कैमरों में सब कुछ रिकॉर्ड हो जाता.यूपी पुलिस से भाग रहा थादरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ दिल्ली, हरियाणा और कहा जा सकता है कि राजस्थान पुलिस भी बहुत सतर्क थी. हथियारबंद पुलिस वाले उसकी तलाश कर रहे थे. लेकिन उज्जैन जैसी जगह पर उसके पहुंचने की बहुत अधिक संभावना किसी को रही हो, इस पर सवाल है. उसे चिंता ये थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस कहीं भी उसे पकड़ेगी तो बहुत अधिक संभावना थी कि उसे गोली मार देती. पुलिस के जवान आखिर आठ पुलिस वालों की हत्या से गुस्से में थे ही.राजधानी का भी चक्कर लगायाइसी से बचने के लिए वो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चक्कर लगा रहा था. उसे लग रहा था कि दिल्ली पुलिस बिना मुठभेड़ के गोली मारने से गुरेज करेगी. माना जा रहा है कि इसी कारण से वो फरीदाबाद में शरण लेने की कोशिश कर रहा था. बुधवार को ये चर्चा थी कि वो पुलिस की गोलियों से बचने के लिए मीडिया के कैमरों की शरण ले सकता है. इस वजह से फिल्म सिटी जहां सारे चैनलों के दफ्तर हैं, वहां पुलिस ने खास चौकसी लगा रखी थी. इसी दरम्यान किसी ने उसे ग्रेटर नोएडा में देखने का दावा किया था.8 पुलिस वालों के हत्यारे को सिपाहियों ने ‘पकड़ा’बहरहाल जो भी हो, विकास दुबे अपनी जान बचाने में सफल हो गया. एक अपराधी जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक गजेटेड ऑफिसर समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी उसे मंदिर की सुरक्षा में लगे कुछ निहत्थे से दिखने वाले सिपाहियों और गार्डों ने कथित तौर पर पकड़ लिया.

इनकाउंटर के डर से आत्मसमर्पण करना चाहता था विकास दुबे—-
उज्जैन।कानपुर गोलीकांड के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने मंदिर में चिल्ला-चिल्लाकर खुद को विकास दुबे बताया। इसके बाद गार्ड ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। शिवराज चौहान ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी। इसी बीच यूपी पुलिस की एक टीम मध्यप्रदेश के रवाना हो गई है।अज्ञात जगह पर हो रही है पूछताछमध्यप्रदेश पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से अज्ञात जगह पर पूछताछ कर रही है। अदालत से रिमांड के बाद उसे यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा।किलेनुमा मकान में बंकर भी बना रखा था, पुलिस पर एके 47 से चलाईं गोलियांविकास का मकान चारों ओर से 20 फीट ऊंची और मोटी चहारदीवारी से घिरा हुआ था। दीवारों पर कंटीले तार भी थे। मकान में उसने बंकर बना रखा था, जबकि निगरानी के लिए उसने 50 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे। प्रशासन की कार्रवाई से पहले घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर पुलिस ने रोक लगा दी थी।आठ पुलिसवालों के हत्यारे का घर तोड़ा, तलाश में 100 टीमेंउत्तर प्रदेश के कानपुर में पकड़ने गई टीम के 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में वांछित अपराधी विकास दुबे का बिकरु गांव में स्थित मकान ढहा दिया गया था। बीते शनिवार सुबह प्रशासन की टीम ने उसी जेसीबी से उसके घर को ढहा दिया जिससे उसने पुलिस का रास्ता रोका था। इसके साथ ही विकास के मकान में खड़े ट्रैक्टर सहित 60 लाख की कीमत वाली दो एसयूवी गाड़ियां भी तोड़ दी थीं।एनकाउंटर के डर से आत्मसमर्पण करना चाहता था विकास दुबेमहाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे जाने के डर से विकास दुबे आत्मसमर्पण करना चाहता था।

मंदिर परिसर पहुंचने के बाद वो चिल्ला चिल्लाकर कहने लगा कि वह ही विकास दुबे है। उसने महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से कहा कि पुलिस को उसके बारे में सूचना दी जाए।विकास दुबे (Vikas Dubey) की गिरफ्तारी पर मध्य प्रदेश के बहादुर पुलिस अधिकारी अपने इंटेलीजेंस की सफलता का गुणगान कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की पुलिस अपनी सतर्कता और हर जगह चौकसी की बातें कर रही है. फिर भी एक आवाज जो गोपनीय सतर्कता की खामोशी को तोड़ दे रही है, वो है – ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला’. जी हां, जो विजुअल टेलीविजन पर चल रहे हैं उसमें विकास दुबे खुद अपनी पहचान बता रहा है. साथ ही ये भी कह रहा है ‘कानपुर वाला हूं.’शातिर बुद्धि का इस्तेमालवैसे भी उसके दुर्दांत दुस्साहस ने विकास को इतना तो मशहूर कर ही दिया है कि नाम से उसे पहचान लिया जाए. इस अपराधी के शातिर होने की गवाही इसकी कार्यशैली से मिल ही चुकी है. ये अपराधी हर पार्टी के नेता और तमाम बड़े अधिकारियों के संपर्क में था. इसकी तमाम तस्वीरें मीडिया और सोशल साइटों पर हैं. कहीं इसी शातिर बुद्धि का इस्तेमाल करके विकास दुबे ने महाकाल पहुंचने की योजना तो नहीं बनाई. उसे ये भी पता था कि महाकाल मंदिर परिसर के आसपास हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. अगर उसे निहत्था मारने की कोशिश भी की जाती तो कैमरों में सब कुछ रिकॉर्ड हो जाता.यूपी पुलिस से भाग रहा थादरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ दिल्ली, हरियाणा और कहा जा सकता है कि राजस्थान पुलिस भी बहुत सतर्क थी. हथियारबंद पुलिस वाले उसकी तलाश कर रहे थे. लेकिन उज्जैन जैसी जगह पर उसके पहुंचने की बहुत अधिक संभावना किसी को रही हो, इस पर सवाल है. उसे चिंता ये थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस कहीं भी उसे पकड़ेगी तो बहुत अधिक संभावना थी कि उसे गोली मार देती. पुलिस के जवान आखिर आठ पुलिस वालों की हत्या से गुस्से में थे ही.राजधानी का भी चक्कर लगायाइसी से बचने के लिए वो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चक्कर लगा रहा था. उसे लग रहा था कि दिल्ली पुलिस बिना मुठभेड़ के गोली मारने से गुरेज करेगी. माना जा रहा है कि इसी कारण से वो फरीदाबाद में शरण लेने की कोशिश कर रहा था. बुधवार को ये चर्चा थी कि वो पुलिस की गोलियों से बचने के लिए मीडिया के कैमरों की शरण ले सकता है. इस वजह से फिल्म सिटी जहां सारे चैनलों के दफ्तर हैं, वहां पुलिस ने खास चौकसी लगा रखी थी. इसी दरम्यान किसी ने उसे ग्रेटर नोएडा में देखने का दावा किया था.8 पुलिस वालों के हत्यारे को सिपाहियों ने ‘पकड़ा’बहरहाल जो भी हो, विकास दुबे अपनी जान बचाने में सफल हो गया. एक अपराधी जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक गजेटेड ऑफिसर समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी उसे मंदिर की सुरक्षा में लगे कुछ निहत्थे से दिखने वाले सिपाहियों और गार्डों ने कथित तौर पर पकड़ लिया.