बीकानेर । सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में पूजा-अर्चना, शिव पंचाक्षर मंत्रा जाप, रुद्राभिषेक, भक्ति संगीत कार्यक्रमों की धूम रही। श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के मंदिरों में आक-धतूरा, कच्चा दूध, पुष्प, जल, बिल्व पत्रा, प्रसाद आदि चढ़ाई तथा परिक्रमा की। अनेक लोगों ने व्रत रखा महादेव की स्तुति वंदन की।
शहर के प्रमुख मंदिरों के साथ गली मोहल्ले के शिवालयों में सुबह से शाम तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। दोपहर बारह बजे के बाद अभिजीत मुर्हूत से शाम चार बजे तक समय मंदिरों अभिषेक व विधि-विधान से पूजन करने ने अघोषित रूप से आरक्षित कर लिया था। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण से शिव का पंचामृत (घी, दूध, दही, शहद, चीनी आदि) से अभिषेक-पूजन कर चंदन से आडम्बर निकाल कर शिव की प्रतिमा पर आकर्षक श्रृंगार किया।
शिवबाड़ी के लालेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्वामी संवित् सोमगिरि महाराज के सान्निध्य में लालेश्वर व डूंगरेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना व अभिषेक किया गया। मंदिर के बाहर प्रसाद, पुष्पमालाओं आदि की अनेक दुकानें लगी थी। जवाहर नगर की रंगोलाई, श्रीरामसर स्थित महात्मा महानंदजी की तलाई परिसर के रामेश्वर महादेव, विश्वकर्मा गेट के अंदर तथा पूगल रोड के गौरी शंकर महादेव मंदिर, गोपेश्वर बस्ती के गोपेश्वर भूतेश्वर, लालगढ़ व ब्रह्मसागर के पास के मार्कण्डेय महादेव, संसोलाव तालाब के पास के काशी विश्वनाथ महादेव, देवीकुंड सागर व सूरसागर के पास के बारह महादेव मंदिर, के साथ भीनासर, गंगाशहर, जय नारायण व्यास कॉलोनी, मुरलीधर, जस्सोलाई के जनेश्वर, पातालेश्वर, शहर के विभिन्न चौक व मोहल्लों के मंदिरों में पूजा अर्चना व अभिषेक किया गया।
हर्षोंलाव के अमरेश्वर महादेव मंदिर में चंपालाल डांवर के सान्निध्य में प्रेमरतन, भागीरथ, ताराचंद, सूर्य प्रकाश व पीयूष के नेतृत्व में 21 वेदपाठी ब्राह्मणों ने भगवान शिव का 101 किलो घी, दूध, केसर, चंदन, आदि से अभिषेक करवाया। अभिषेक के बाद गंगाजल, नारियल, कोलायत की मिट्टी से शिव की झांकी सजाई गई। महिलाओं ने भी अभिषेक में भागीदारी निभाई। करीब चार घंटे चले अभिषेक में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। वैद्य मघाराम कॉलोनी क्षेत्रा की मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार बगीची में स्थित शिव मंदिर में पंचामृत से अभिषेक व श्रृंगार किया गया। बगीची के व्यवस्थापक विजयराज सोनी ने बताया कि सावन के प्रत्येक सोमवार व दो प्रदोष के दिन विशेष अभिषेक व प्रतिदिन अभिषेक व पूजा अर्चना का दौर चलेगा।
शिव नित्य व अजन्मा-शिवबाड़ी के लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी संवित् सोमगिरि महाराज ने कहा कि परमात्मा शिव नित्य व अजन्मा है। जो रजोगुण का आश्रय लेकर संसार की सृष्टि करते हैं, सत्वगुण से सम्पन्न हो सातों भुवनों का धारण-पोषण करते हैं, तमोगुण से युक्त होकर सबका संहार करते हैं तथा त्रिगुणमयी माया को लांघकर अपने शुद्ध स्वरूप में स्थित रहे हैं, उन सत्यानंद स्वरूप, अनंत बोधमय, निर्मल एवं पूर्णब्रह्म शिव की सावन में पूजा अर्चना, स्तुति व वंदना करने से रोग, शोक, ताप व घात दूर होते हैं तथा साधक की मनोकामना पूर्ण होती है। शिव की पूजा अर्चना से अनेक जन्मों के संचित दुःख समूह मुक्त होकर शिवजी के उसी कल्याण पद को प्राप्त होते है। शिव ही सृष्टिकाल में ब्रह्मा, पालन के समय विष्णु और संहारकाल में रुद्र नाम धारण करते हैं तथा सदैव सात्विकभाव को अपनाने से ही प्राप्त होते है।