– पैर पड़ने पर भी नहीं आया तरस
बीकानेर। बिजली विभाग का ऐसा कारनामा सामने आया है जो जानकर आपके पैरों तले की जमीन खिसक जाएगी। विभाग ने मोमासर निवासी रामनिवास सोनी के घर का दो माह का बिजली बिल 614326 रूपए बनाकर भेजा है। जिस घर की वर्षों से दो माह की बिजली खपत करीब 100 से 150 यूनिट आती रही है, उसी गरीब को दो माह का बिल 6 लाख से अधिक भेज दिया गया। पीड़ित का पिछला बिल 702 रूपए का आया था, जिसका भुगतान कर दिया गया। इससे पहले के भी कोई बिल बकाया नहीं है। हालांकि पीड़ित ने प्रथमदृष्टया इसे मानवीय भूल मानते हुए बिजली बोर्ड में संपर्क किया तथा प्रार्थना पत्र देकर बिल सुधार का निवेदन किया। लेकिन बिजली विभाग ने यहां संवेदनहीनता की हदें पार करते हुए दो टूक जवाब दिया। पीड़ित को विभाग ने बिल भरवाने का फरमान दिया। वहीं मंगलवार को विभाग की टीम पीड़ित के घर का बिजली कनेक्शन काटने पहुंच गई।
विभाग कर्मचारियों के पैर पकड़कर जैसे तैसे पीड़ित ने चार-पांच दिन की मोहलत तो ले ली, लेकिन आगे क्या होगा इसका कुछ पता नहीं।पीड़ित के अधिवक्ता एडवोकेट अनिल सोनी ने बताया कि पीड़ित का छोटा सा मकान है जिसमें बच्चे मिलाकर कुल 6 सदस्य हैं। वहीं कूलर, फ्रिज, टीवी से भारी कोई बिजली उपकरण घर में नहीं है। ऐसे में 6 लाख से अधिक का बिल कैसे बन सकता है। विभाग ने दो माह का बिल लगभग 6 लाख 14 हजार का दिया है। उस पर भी विभागीय अधिकारी आम आदमी के प्रति अपनी जवाबदेही भूलकर पीड़ित को बिल भरवाने का दबाव डाल रहे हैं। एक गरीब व्यक्ति कैसे इतने पैसे भरवा पाएगा।
बता दें कि पीड़ित की तरफ से बिजली विभाग को लिगल नोटिस जारी किया गया है। अब देखना यह है कि कलेक्टर नमित मेहता इस मामले में कोई एक्शन लेते हैं या नहीं। बता दें कि अगर कलेक्टर इस मामले में हस्तक्षेप करें तो एक गरीब बिजली की मूलभूत सुविधा से वंचित होने से बच सकता है।