कोलकाता। जैन श्वेताम्बर सोसाइटी- मधुवन द्वारा ‘भोमिया बाबा की भक्ति’ फेसबुक लाइव भक्ति का आयोजन 27 अप्रैल 2020 शाम 7ः30 बजे से प्रारम्भ की गयी, जिसमे जिनशासन वंदना के साथ साथ जैन महातीर्थ सम्मेतशिखर पहाड़ के अधिष्ठायक देव श्री भोमिया जी महाराज के भजनों के द्वारा भक्ति की धारा में भक्तों को जोड़ना प्रारम्भ हुआ। भक्ति धीरे धीरे गतिमान होते हुवे लगातार 150वीं भक्ति 23 सितम्बर 2020 को आयोजित की गई।
जैन श्वेताम्बर सोसाइटी- मधुवन के अध्यक्ष कमलसिंह रामपुरिया ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विश्व-व्यापी महामारी कोरोना से समाज में व्याप्त तनाव को भक्ति की राह पर मोड़कर आत्मबल बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मुहिम का आगाज करना था । और उसका सुफल भी देखने को मिलने लगा, भक्तों में जहां मानसिक अवसाद का शमन हुआ, वहीं पुनः आत्मबल का सृजन भी प्रारम्भ हुआ । भक्त गण उत्साह पूर्वक शाम 7ः30 बजे का इंतजार करने लगे। हजारों की संख्या में फोन कॉल, व्हाट्सएप्प ,मैसेज आने लगे की आपने हमे इस मानसिक अवसाद से मुक्ति दिलाने का जो प्रयास प्रारंम्भ किया है, उसके लिये आपकी तहेदिल से अनुमोदना। जब हमने इस भक्ति की श्रृंखला का शुभारंभ किया तो हमारे मन मैं समाज के लोगों को उपकृत करने का ही बस भाव था, और शायद हम इसमें किसी हद तक सफल भी हो पाये, काफी सामाजिक जन आज भक्ति में जुड़ते है , तो एक दूसरे का अभिवादन करते है, जबकि वो एक दूसरे को शायद जानते भी नही, और यही तो हमारा प्रयास था की जहां इस विश्वव्यापी बीमारी के भय से लोगों का उद्धार हो वहीं सामाजिक समरसता, आपसी सौहार्द भी बढ़ता चले। आज भारत से ही नही इस कार्यक्रम में विश्व से बहुत लोग जुड़ते है, और भक्ति रस का पान करते है, बाबा भोमिया से जैन श्वेताम्बर सोसाइटी – मधुवन यही प्रार्थना करता है, की हे बाबा ये सद्भाव सदैव नई ऊंचाइयों को वरण करते हुवे, समाज को प्रेरित करे, समाज अपनी गरिमा को और बढ़ाये, जैन ध्वज सदा सर्वदा अपनी उज्ज्वलता के साथ नीलगगन की नित नयी ऊंचाइयों को छू पाये ।
जैन श्वेताम्बर सोसाइटी- मधुवन के ट्रस्टी अजय बोथरा ने बताया कि जब इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तब हमें नही मालूम था कि हम कितने दिन तक इस आयोजन को आयोजित कर पायेंगे, पर भक्तों के उत्साह और भागीदारी से ये कार्यक्रम नित नई मंजिल की तरफ बढ़ता चला गया, आज भी हमें नही मालूम कि हम कहाँ तक चलेंगे, पर इतना पता है, जब तक बाबा भोमिया की कृपा बरसेगी, भक्तों का उत्साह और भागीदारी मैं निरन्तरता बनी रहेगी, तब तक हम न रुकेंगे, न थकेंगे, बस चलते ही जायेंगे, हम भक्ति का सागर आप तक नही पहुंचा पायेंगे , पर विश्वास कीजिये चंद बूंदों से आपके भक्ति के स्वरों में मिठास जरूर लायेंगे ।