



बात चाहे बाउंसर मीत हत्याकांड की हो या फिर बाउंसर सुरजीत की हत्या की। इन सभी हत्याओं के पीछे बाउंसर और गैंगस्टर्स का आपसी रंजिश या फिर किसी का समर्थन करना होता है। क्लबों में तैनात कुछ बाउंसर भी इन गैंगस्टर के संपर्क में रहते हैं, यही वजह होती है कि उनका आसानी से चंडीगढ़ क्लबों में आना-जाना रहता है।सूत्रों का यह भी कहना है कि लग्जरी लाइफ स्टाइल और मौज मस्ती के लिए गैंगस्टरों की चंडीगढ़ के क्लब पहली पसंद बन चुके हैं। गैंगस्टर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए छोटी सी बात पर भी किसी की आसानी से हत्या कर चंडीगढ़ से आसानी से फरार हो जाते हैं। पिछले कुछ आंकड़ों के मुताबिक, शहर में होने वाली हत्याओं की ज्यादातर वजह गैंगस्टर के आपसी विवाद होते हैं।_
_*बाउंसर सुरजीत की हत्या भी इसी तरह हुई थी!*_
_17 मार्च 2020 की देर रात सेक्टर-38 वेस्ट स्थित स्मॉल चौक के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर सुरजीत बाउंसर की इसी तरह हत्या कर दी थी। सुरजीत के सिर में दो जबकि छाती के पास तीन गोलियां लगी थीं। वारदात के बाद ऐसे ही गैंगस्टर दविंदर बंबीहा ग्रुप के फेसबुक अकाउंट पर सुरजीत की हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी। यह मामला अब तक अनसुलझा है। वहीं अब गुरलाल की हत्या के बाद पुलिस की इन गैंगस्टरों पर सिरदर्दी बढ़ गई है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समेत कई गैंग लगातार एक के बाद एक चंडीगढ़ में वारदात कर रहे हैं।


– पुलिस के आला अधिकारियों का मानना है कि गुरलाल की हत्या के बाद फेसबुक पर पोस्ट डालकर जिम्मेदारी लेना पुलिस का ध्यान भटकाने की एक साजिश भी हो सकता है। ऐसे में पुलिस अब सभी पहलुओं पर जांच करने में जुटी हुई है। साथ ही फेसबुक अकाउंट भी निगरानी कर रही है। बीते महीने पुलिस ने गैंगस्टर और करीबियों के करीब 90 अकाउंट बंद किए थे। इसके बावजूद गैंगस्टर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए अभी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।_
“”इस वारदात के बाद गैंगस्टर तक पहुंचने के लिए पूरी रणनीति बनाई गई है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामला सुलझा लिया जाएगा। इसके अलावा पुलिस की शहर के क्लब पर भी निगरानी है। चंडीगढ़ में हो रहे अपराध पर जल्द लगाम लगाया जाएगा।””
– कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी चंडीगढ़!
