बीकानेर । शहरी क्षेत्र की तंग गलियों में पहली बार पहुंचे सैकडों देशी-विदेशी पावणो का शहरवासियों ने पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया, तो यहां की अनूठी स्वागत परम्परा, साम्प्रदायकि सौहार्द और बहुरंगी संस्कृति देखकर विदेशी भी अभिभूत हो गए और उनके मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, ‘वाओ! इट्स ग्रेट’।
ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला रविवार को ऐतिहासिक रामपुरिया हवेलियों से पहली बार निकली ‘हैरिटेज वॉक’ के दौरान। भयंकर ठंड के बावजूद प्रातः 8:30 बजे से ही रामपुरिया हवेलियों के आसपास देशी-विेदेशी पर्यटक एकत्रित होने लगे। हवेलियों की सूक्ष्म नक्काशी देखकर वे खुद को रोक नहीं पाए और अपने कैमरों में इन दृश्यों को कैद करने की हौड़ सी देखने को मिली। मशक वादक और बैगपाइपर बैंड के कलाकारों ने जब स्वरलहरियां बिखेरनी शुरू की तो देशी-विदेशी पर्यटकों ने जमकर ठुमके लगाए। यहीं साफा विशेषज्ञ गोपाल बिस्सा और किशन पुरोहित की साफा बांधने की कला देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
पुलिस अधीक्षक डॉ.अमनदीप सिंह कपूर और एसबीबीजे के उपमहाप्रबंधक राकेश कौशल सहित अन्य अतिथियों ने जैसे ही ने फीता काटकर ‘हैरिटेज वॉक’ को रवाना किया, तो नगाड़ों और चंग की थाप पर थिरकते लोगों का कारवां आगे बढ़ा। पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम, नगर विकास न्यास और लोकायन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान् में पहली बार आयोजित ‘हैरिटेज वॉक’ ने हीरालाल सौभागमल रामपुरिया की हवेली के अवलोकन के साथ अपनी यात्रा की शुरूआत की। यहीं बीकानेरी गणगौर, साफा, पगड़ी और चंदों का प्रदर्शन किया गया।
पुष्पवर्षा से हुआ भव्य स्वागत
जैसे-जैसे हैरिटेज वॉक आगे बढ़ी, शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल और मोहता चौक व्यापार मंडल द्वारा घनश्याम लखाणी के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पुष्प बरसाए। अनेक स्थानों पर देशी-विदेशी पर्यटकों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया गया। पहली बार ऊंटों का काफिला देखकर शहरवासियों की उत्सुकता देखते बन रही थी, तो महिलाओं ने भी घरों की छतों से हैरिटेज वॉक को निहारा।
‘नमस्कार’, ‘पगेलागूं सा’
अंदरूनी शहर के बच्चों ने विदेशी मेहमानों को देखकर ‘हैलो, हाउ आर यू’ से अभिवादन किया तो विदेशी पर्यटकों ने ‘नमस्कार’, ‘पगेलागूं सा’ और ‘खम्मा घणी सा’ कह जवाब दिया। सजे-संवेरे ऊंटों और ढोल की थाप के बीच मोहता चौक पहुंचे पर्यटकों ने यहां की मशहूर रबड़ी का स्वाद चखा और ‘डिलीसियस’ कहकर दुकानदारों की हौसला अफजाई की। यहां की पाटा संस्कृति के बारे में जानकारी पाकर वे बोले, ‘इट्स अमेजिंग’। मोहता चौक में सूरजरतन मोहता की हवेली देखने पहुंचे पर्यटकों ने यहां की नक्काशी और सोने की कलम के कार्य को कैमरों मे कैद किया।
फूड वॉक का उठाया लुत्फ
हैरिटेज वॉक के दौरान पर्यटकों ने यहां के स्वाद की परम्परा का लुत्फ भी उठाया। नाइयों की गली में पंसारी की दुकान में रखे अचार, पापड़ और बड़ी को निहारा, तो सब्जी बाजार में कड़ाई का मलाईदार दूध और जलेबी का स्वाद लिया। वहीं शहर की सुप्रसिद्ध चायपट्टी में कचौरियों और पकौड़ी चखकर यहां की पाककला की मुक्तकंठ से प्रशंसा की, तो एक दर्जन से अधिक स्थानों पर गुलकंद के पान का लुत्फ भी उठाया।
गौरवशाली संस्कृति से हुए अभिभूत
शहर की गौरवशाली कला, संस्कृति, परम्परा और पुरावैभव देखकर पर्यटक अभिभूत हो गए। संकरी गलियों में बनी लाल दुलमेरा पत्थरों से बनी हवेलियां और इनकी नक्काशी को निहारना उनके लिए नया अनुभव था। पांच सौ से अधिक वर्ष प्राचीन भंाडाशाह जैन मंदिर व लक्ष्मीनाथ मंदिर के पास पहुंचने पर श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति ने ऐतिहासिक स्वागत किया। सीताराम कच्छावा के नेतृत्व में खेतेश्वर मंडल के कलाकारों ने होली की धमाल को नृत्य के साथ प्रस्तुत किया।
बीकाजी की टेकरी में हुआ समापन
ऐतिहासिक हैरिटेज वॉक, शहर के विविध क्षेत्रों से गुजरती हुई बीकानेर के संस्थापक राव बीकाजी की टेकरी के पास पहुंची, जहां इसका समापन हुआ। लगभग दो घंटे पैदल चलने के बावजूद पर्यटकों का उत्साह यहां तक बरकरार रहा। पर्यटकों ने यहां भी फोटोग्राफी का जमकर लुत्फ उठाया। पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी और लोकायन के गोपाल सिंह ने सभी आगंतुकों का आभार जताया।
शहरी रंग में रंग गए पुलिस अधीक्षक
हैरिटेज वॉक के दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह का नया रूप देखने को मिला। पूरे रूट में अपने हाथ में कैमरा लिए डॉ. सिंह हवेलियों, कलाकारों, दुकानों के फोटो खींचने में मशगूल रहे, वहीं उन्होंने रबड़ी, कचौरी, पकौड़ी और दूध-जलेबी का स्वाद भी चखा। उन्होंने यहां की समृद्धशाली परम्परा के बारे में पूरी उत्सुकता से साथ जानकारी ली।
हैरिटेज वॉक में नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, पार्षद नरेश जोशी, गिरिराज जोशी, पूर्व पार्षद अरविंद किशोर आचार्य, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, मावा एसोशिएसन के हेतराम गौड़, धरणीधर पर्यावरण विकास समिति के जितेन्द्र आचार्य सहित बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक, रौबीले, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और आमजन ने भागीदारी निभाई।
राजस्थानी साज और आवाज की अनूठी जुगलबंदी
इससे पहले शनिवार को देश-विदेश में विख्यात जैसलमेर के कुटले खां मांगणियार ने राजस्थानी व पाश्चात्य संगीत के सामंजस्य तथा लोक नृत्यों से 24 वें ऊंट उत्सव में समां बांध दिया। राजस्थानी साज व आवाज की जुगलबंदी तथा मनमोहक कालबेलिया और भवई नृत्य से देशी-विदेशी सैलानी झूम उठे। सैलानियों ने करतल ध्वनि व ’’वाह’’ कहकर सांस्कृतिक संध्या की सराहना की।
डॉ.करणी सिंह स्टेडियम में लोकसंगीत संध्या का आगाज कुटले खां द्वारा संगीतबद्ध बांसुरी व कमायचा की जुगलबंदी से हुआ। पहली प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता करीब डेढ़ घंटें तक राजस्थानी संगीत के सागर में खोए रहे। विश्व के करीब 100 देशों में अपने फन के माध्यम से मरु प्रदेश का नाम रोशन करने वाले कुटले खां ने राग मांड पर आधारित गीत’’ केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे’ देश, के बाद राजस्थानी कम्पोजिशन ’’ राजस्थान म्हारो रंग रंगीलों’ पेश कर उपस्थितजनों को करतल ध्वनि के लिए मजबूर कर दिया। राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, कला व संस्कृति तथा वीरों की कुर्बानियों से साक्षात्कार करवाने वाली इस प्रस्तुति में पाश्चात्य वाद्यवृंद में सैक्सोफोन, की पैड के साथ पारम्परिक वाद्य यंत्र बांसुरी, कमायचा, सारंगी, मोरचंग व खड़ताल का भी बेहतरीन उपयोग किया गया।
एम.टी.वी. के कोक स्टूडियों व सोनी टी.वी.में अपने स्वरों के जादू के माध्यम से इनाम प्राप्त करने वाले कुटलेखां की करीब एक दर्जन कलाकारों की टीम ने सूफी कलाम ’’दमादम मस्त कलंदर’, कव्वाली ’’छाप तिलक’’ की प्रस्तुति दी। इसी दल के बीकानेर में अनेक बार अपनी प्रस्तुति के दम पर दर्शकों के दिल जितने वाले अन्नू सोलंकी ने जनानी वेश में ’’होलिया में उड़े रे गुलाल’’ आदि आधा दर्जन गीतों के साथ नृत्य कर सराहना बटोरी।
कार्यक्रम का एक आकर्षण कालबेलिया नृत्य था। जोधपुर की मोहनी बाई व पार्टी की कलाकार चंदा, सुशीला, दरिया व पपिया सपेरा ने नागिन सी बल खाते हुए नृत्य के साथ मुंह से अंगूठी व नोट उठाने आदि के करतब कर करतल ध्वनि बटोरी। बीकानेर की युवा कलाकार मानसी सिंह पंवार ने एक दर्जन से अधिक राजस्थानी गीतों के मुखड़ों के साथ गजब सामंजस्य बिठाते नुकीली कीलो, कांच के टुकड़ों व नंगी तलावारों पर नृत्य कर खूब वाह-वाही लूंटी।
सीलवा, नोखा के कुलरिया परिवार के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में जिला कलक्टर वेद प्रकाश, अतिरिक्त कलक्टर नगर शैलेन्द्र देवड़ा, नगर विकास न्यास के सचिव महेन्द्र सिंह, पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी सहित अनेक प्रशासनिक व पुलिस तथा सेना के अधिकारी मौजूद थे। कलाकारों का परिचय संजय व्यास, ज्योति प्रकाश रंगा ने दिया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम
जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऊंट उत्सव के प्रथम दिन हुई मिस मरवण प्रतियोगिता में सुश्री लाड कंवर भाटी प्रथम,सुश्री कनक राठौड़ द्वितीय तथा ज्योति राजपुरोहित तृतीय रही। मिस बीकाणा में संदीप राठौड़ प्रथम, ओशो जिज्ञासु व रविन्द्रजोशी द्वितीय तथा शिवकुमार रंगा तृतीय रहे। ऊंट सजावट में स्वरूप देशर के लक्ष्मण राम, कोडमदेसर के भावल खां व बशीर खां, ऊंट नृत्य में प्रभु सिंह, भागीरथ ढाका व हनुमान सिंह के ऊंटों ने पहले तीन स्थान हासिल किए। फरकटिंग में अक्कासर के रामलाल, स्वरूप देसर के गोविंदराम व भोळासर के मोहन सिंह ने प्रथम,द्वितीय वतृतीय स्थान प्राप्त किया।