-संजीव मिश्रा को जीत का माला पहनना आसान नही

बिहार(सुपौल)- (ब्यूरों)-गुरुवार को शाम चुनाव प्रचार का शोर खत्म हो गया।इसके साथ ही क्षेत्र में छाई धुंध भी साफ होने लगी है।जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे ही प्रत्यासी की बेचैनी बढ़ती जा रही है, खासकर जिले की चर्चित सीट बनी छातापुर विधानसभा में इसबार चुनाव काफी दमदार नजर आ रहा है। क्योंकि इसबार जाप से राजद नेता रहे संजीव मिश्रा चुनाव मैदान में है।और पूरे दमखम से चुनाव मैदान में है । हालांकि छातापुर विधानसभा क्षेत्र पूर्व रेल मंत्री ललित नारायणी मिश्र और पूर्व मुख्यमंत्री जगरनाथ मिश्रा की धरती है। इसलिए जिले में छातापुर विधानसभा चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। जानकारों की माने तो छातापुर में इसबार एनडीए और महागठबंधन की बीच कांटे की टक्कर हैं।जबकि अब तक काफी आगे चलते दिख रहे जाप उम्मीदवार धीरे धीरे मुकाबले से आउट होते दिख रहे हैं।लेकिन छातापुर विधानसभा में संजीव मिश्रा को जीत का माला पहनना आसान नही है।मालूम हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में वर्तमान भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू को राजद और जदयू गठबंधन के जहूर आलम ने कड़ी टक्कर दी थी। लेकिन इसबार की चुनाव मे मुख्य मुकाबला राजद प्रत्याशी विपिन कुमार सिंह और वर्तमान बीजेपी विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू के बीच माना जा रहा है।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धनबल के सहारे क्षेत्र में अपनी हवा बनाने वाले जाप प्रत्याशी मुकाबला को त्रिकोणीय बनाने मे कही नजर नही आ रहा है। क्षेत्र में यह चर्चा बड़ी तेजी से आम हो रही है खासकर उनके स्वजातीय मतदाता में कि जाप उम्मीदवार अपने जीतने के लिए नही ,बल्कि बीजेपी उम्मीदवार को हराने के लिए फारवर्ड जाति का मत काटने के लिए राजद के इशारे पर चुनावी मैदान में है। जानकारों के माने तो चुनाव के समय मे संजीव मिश्रा क्षेत्र में एक्टिव हो जाते है। लेकिन जाप प्रत्याशी की खिचड़ी पकना आसान नही है।चैनपुर,ठूठी,राजेश्वरी,बलुआ आदि दर्जनों गांव में मिले कुछ मतदाता का कहना का कहना था कि पब्लिक अब मुर्ख नही है, जनता जाप के पैतरे को समझ रही है। ऐसे वोटकटवा को मतदाता पहचान चुकी है।छातापुर विधानसभा में उट्ट किस करवट बैठेगा यह तो 10 नवम्बर को पता चलेगा ,लेकिन क्षेत्र में बीजेपी और राजद के बीच सीधा मुकाबला हो गया है यह जरूर तय हो गया है।