नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पीएम मोदी मंगलवार को सभी राज्यों के सीएम के साथ एक मीटिंग और कर सकते हैं। इसमें आगे की चुनौतियों और इससे
लडऩे के उपायों पर सामूहिक चर्चा हो सकती है।

साथ ही इस मीटिंग में कोविड का टीका आने के बाद किस तरह जल्द से जल्द आम लोगों तक
पहुंचे, इसकी रणनीति पर भी चर्चा होगी। हालांकि,आधिकारिक तौर पर अभी मीटिंग के बारे में पुष्टि नहीं की गई है। पीएम मोदी की सभी सीएम के साथ यह मीटिंग सरकार की ओर हाईलेवल टीम के पंजाब,हिमाचल प्रदेश,उत्तर प्रदेश और गुजरात भेजे जाने के बाद हो रही है। दिल्ली सहित कई राज्यों में कोविड मामले के अचानक बढऩे के बाद एक बार फिर सीमित लॉक डाउन मसल रात्रि कर्फ्यू जैसे उपाय तक किए जा रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने अब आगे पूर्ण लॉकडाउन की संभावना से इंकार किया है।

–पीएम दो चरणों में कर सकते हैं मीटिंग

सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को पीएम मोदी दो चरणों में मीटिंग कर सकते हैं। पहले चरण में
प्रभावित राज्यों के साथ मीटिंग करेंगे तो दूसरे चरण में बाकी सभी राज्यों के सीएम के साथ मीटिंग कर कोविड मैनेजमेंट और टीकाकरण की तैयारी पर बात करेंगे। सूत्रों के अनुसार अगले साल शुरूआत में देश में कोविड का टीका आ सकता है जिसका
वितरण भी एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए बहुत बड़े संसाधन की जरूरत होगी।

त्यौहारों के कारण बढ़े केसेज दरअसल, त्योहार समाप्त होने के बाद दिल्ली,उत्तरप्रदेश, केरल जैसे राज्यों में अचानक नए मामले में बेतहाशा तरीके से बढ़े। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि दूर्गापूजा के दौरान जिस तरह लापरवाही की खबरें आयी उससे आने वाले दिनों में और मामले बढ़ सकते हैं। इसे देखते हुए पीएम मोदी सीएम के साथ मिलकर चर्चा कर सकते हैं कि किस तरह अनलॉक और एहतियाती कदम में किस तरह संतुलन रखा जाए।

– अब तक 6 बार मुख्यमंत्रियों के साथ कर चुके हैं मीटिंग

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर को देश के सात सबसे प्रभावित राज्यों
महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक,तमिलनाडू्,पंजाब और उत्तर प्रदेश के सीएम केसाथ मीटिंग की थी। कोविड महामारी आने के बाद अब तक पीएम मोदी सात मौकों पर देश को
संबोधत कर चुके हैं जबकि सभी सीएम के साथ 6 मीटिंग कर चुके हैं। पिछले महीने 20 अक्तूबर
को देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि- हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी
तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है- आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढऩे लगे।

लॉकडाउन से बचने के लिए ऐहतियात ज़रूरी एक्सपर्ट चेता रहे हैं कि जिस तरह यूरोप में
कोविड की दूसरी लहर से चिंता और बढ़ गई है और वहां कई देशों में नए सिरे से सख्त लॉकडाउन
लगाने पड़े हैं यहां भी समय पूर्व एहतियात जरूरी हैताकि हालात न बिगड़े।

इन्हीं आशंका के मद्देनजर सूत्रों के अनुसार पहले ही सख्त लॉक डाउन के आर्थिक मोर्चे पर पड़े
प्रतिकूल असर के बाद इसके दोबारा लगने की आशंका नहीं है लेकिन कुछ एहतियाती कदम जरूर उठाए जा सकते हैं। न्यूनतम सतर्कता को लागू करने पर सख्ती जैसे उपाय पर चर्चा हो सकते हैं।

कई राज्यों में मास्क लगाने की दिशा में कठोर दंड
जैसे प्रावधान किए गए हैं।

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