डॉ. अम्बेडकर ने दिया सामाजिक समरसता का संदेश : संसदीय सचिव

बीकानेर । संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने सामाजिक समरसता का संदेश दिया। वे ज्ञान के प्रतीक थे। डॉ. मेघवाल शुक्रवार को डॉ. अम्बेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर अम्बेडकर सर्किल पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने सर्व समाज के उत्थान के लिए कार्य किया। उनका नाम विश्व के चुनिंदा महापुरूषों की सूची में आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने शिक्षा, संगठन एवं संघर्ष का नारा दिया। डॉ. मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं, इनका अधिकाधिक लाभ उठाएं।

जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने संविधान का निर्माण किया। उन्होंने अपना समूचा जीवन देश को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार दें, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकें। पूर्व सांसद जमना बारूपाल ने कहा कि हमें डॉ. अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।

पूर्व संसदीय सचिव गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से सामाजिक बुराईयों को दूर करने के प्रयास किए जाएं। पूर्व विधायक रेंवतराम पंवार ने कहा कि बाबा साहेब अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। आने वाली पीढि़यां भी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के प्रति कृतज्ञ रहेंगी।

इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, नगर निगम आयुक्त आर. के. जायसवाल, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रेमाराम परमार, एस.पी.सीआईडी (सीबी) जयपुर मदन मेघवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नगर) डॉ. लालचंद कायल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल. डी. पंवार, पूर्व सभापति मकसूद अहमद, सुषमा बारूपाल, डॉ. जेठाराम सुखाडि़या, मनोज नायक, अम्बाराम, किसनलाल, मनोहर, अब्दुल मजीद खोखर, गोपाल वाल्मिकी, पार्षद आदर्श शर्मा तथा सुरेश अम्बेडकर ने विचार व्यक्त किए। आयोजन समिति के अध्यक्ष मगन लाल पांवार ने आभार व्यक्त किया। इससे पहले सभी अतिथियों ने डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।
नोखा में बच्चों को फल एवं बिस्कुट वितरित
अम्बेडकर जयन्ती के उपलक्ष मे नोखा के वार्ड नंबर 24 मे जिला अध्यक्ष श्रीमती सरोज मरोठी (जन-सेविका )के नेतृत्व मे नोखा शहर की नवीन माडल पब्लिक स्कूल मे कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे सभी बच्चों को फल व बिस्कुट वितरित किए गये । श्रीमती सरोज मरोठी ने कहा कि हमें बाबा साहेब के सिद्धांतो को आत्मसात करके राष्ट्र निर्माण मे सहयोगी बनना है। श्रीमती मरोठी ने गर्मी की प्रचंडता को देखते हुए स्कूल मे कूलर भेंट की घोषणा की व बेटी -बचाओ बेटी पढाओ के अन्तर्गत 11 असहाय बालिकाओ को पढाने हेतु गोद लेने की घोषणा की ।
स्कूल के संचालक व सभी शिक्षक गण ने सरोज मरोठी का आभार व्यक्त किया ।इस कार्यक्रम मे जयकरन जी ,जगदीश व मोर्चा टीम की अनेक पदाधिकारी बहने मौजूद थी ।
आचार्य तुलसी एवं डॉ. अम्बेडकर विषय पर संगोष्ठी आयोजित
आचार्य तुलसी एवं डॉ. अम्बेडकर दोनों महापुरूषों ने विश्व में भारतीयता को स्थापित किया। दोनों ने समाजिक समरसता का कार्य किया। दलितोत्थान के कार्यक्षेत्र व कार्यशैली दोनों में समानता थी। यह बात भाजपा नेता सुरेन्द्रसिंह शेखावत ने आचार्य तुलसी की मासिक पुण्यतिथि पर नैतिकता का शक्तिपीठ पर “आचार्य तुलसी एवं अम्बेडकर” विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। शेखावत ने कहा कि डॉ अम्बेडकर उस वक्त के वातावरण के कारण प्रतिक्रियावादी बने। उनके प्रतिक्रियावादी बनने के पीछे जातिगत भेदभाव की पीड़ा थी। उन्होंने कहा कि दोनों ने भारतीयता को प्रतिष्ठापित करने का प्रयास किया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री पीयुष कुमार जी ने कहा कि आचार्य तुलसी एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर दोनों व्यक्ति नहीं, विचार है। दोनों के विचारों में समानता रही। उन्होंने कहा कि वेद ऋचाओं का निर्माण महिला सन्यासी व शुद्रों ने भी किया। मुनिश्री ने कहा कि किसी भी धर्म में जाति व्यवस्था को अस्पृश्यता को जोड़ा हो, यह नहीं लगता। व्याख्याकारों ने इसे जोड़ दिया। मुनिश्री ने कहा आज भी भेदभाव चल रहा है, वह धन, जाति, रंग, वर्ग, शिक्षित व अशिक्षित के नाम पर जड़ंे जमाये हुए है। इन जड़ों को मिटाने के लिए अहंकार को तिलांजलि देनी होगी। मुनिश्री विनीत कुमार जी ने कहा कि जन्म व मृत्यु के बीच के कार्यकाल का सदुपयोग करके व्यक्ति महान् बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि आचर्य तुलसी एवं डॉ. अम्बेडकर दोनों ने परमार्थ का जीवन जीया, इसलिए वे व्यापक बन गये। आचार्य तुलसी के जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब एक बार हरिजनों को आचार्य तुलसी के दर्शन करने से बाहर रोक दिया तो गुरूदेव तुलसी ने कहा कि अगर हरिजनों को बाहर रोकोगे तो मैं स्वयं बाहर जाकर बैठ जाऊंगा। इस पर हरिजनों का प्रवास स्थल पर प्रवेश भी हो गया व उन्होंने आचार्य तुलसी के चरण स्पर्श भी किये।
मुनिश्री विमल विहारी जी ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैन धर्म के दर्शन एवं सिद्धान्तों से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर जैन धर्म स्वीकार करना चाहते थे परन्तु उनका सम्पर्क आचार्य तुलसी से नहीं हुआ। मुनिश्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर व आचार्य तुलसी का जीवनकाल एक समय का ही रहा। आज
डॉ. अम्बेडकर की 126वीं जन्म जयन्ती है और आचार्य तुलसी की जन्म शताब्दी दो वर्ष पूर्व मनायी गई थी। आज उनकी मासिक पुण्यतिथि है। दोनों के विचार परोपकार की भावना से ओत प्रोत थे। संगोष्ठी का विषय प्रवर्त्तन करते हुए अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि आचार्य तुलसी ने दलितों के चरित्र निर्माण का कार्य किया तथा पूरे भारत की पदयात्रा करके व दलित समाज को व्यसन मुक्त करने हेतु प्रयास करते रहे। जबकी डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने दलितों के राजनैतिक व समाजिक उत्थान के लिए कार्य किया। छाजेड़ ने कहा कि दोनों ने अपने जीवन में घृणा को स्थान नहीं दिया तथा दोनों का हृदय करुणाशील था। दलितों के मसीहा आचार्य तुलसी ने हरिजनों के साथ अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाये जिसके चलते उनको व उनके शिष्यों को हरिजनों के महाराज तक कहा जाने लगा व भिक्षा में महाजन समाज के लोग अछूत की तरह व्यवहार करने लगे। तो भी वे विचलित नहीं हुए और उम्रभर अस्पृश्यता के खिलाफ अणुव्रत आन्दोलन के माध्यम से चरित्र निर्माण का कार्य करते रहे।
संगोष्ठी का शुभारम्भ मुनिवृन्दों द्वारा महामंत्र के उच्चारण से हुआ तथा
मुनिश्री पीयूषकुमार जी ने तुलसी के नाम का “जप” करवाया। भंवरलाल डाकलिया ने एक गीतिका “ओ तन माटी रो दियो, जले ज्ञान री जोत” का संगान किया। आभार ज्ञापन महामंत्री जतनलाल दूगड़ ने करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन से हीन भावना निकालनी चाहिए तभी उनका उत्थान होगा। संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया। गोष्ठी में मुख्यवक्ता सुरेन्द्रसिंह शेखावत को ओमप्रकाश नायक ने पताका, लालचन्द भन्साली ने स्मृतिचिन्ह व डॉ.पी.सी.तातेड़ ने साहित्य भेंटकर सम्मान भेंट किया। अनुसूचित जन जाति मोर्चा भाजपा के हनुमानगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश नायक को तेरापंथ सभा के मंत्री अमरचन्द सोनी ने, लाधुराम सेवा समिति के अध्यक्ष मूलचन्द नायक को ट्रस्टी आसकरण बोथरा ने, अम्बेडकर कॉलोनी के भाजपा कार्यकर्ता मूलचन्द जाखरीया को जीवराज सामसुखा ने तथा राधाकिशन नायक को जतनलाल दूगड़ ने साहित्य एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। संगोष्ठी में तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष मनीष बाफना, मंत्री मनीष छाजेड़ , महिला मण्डल अध्यक्ष रेणु बाफना व मंत्री संजू लालाणी सहित अनेक गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
संगोष्ठी से पूर्व प्रातः 8:15 बजे तेरापंथ भवन से शक्तिपीठ तक पदयात्रा हुई जिसमें मुनिवृन्द एवं संस्थाओं के पदाधिकारीगण शामिल हुए।