बीकानेर।एडवोकेट द्वारकादास पारीक ने पीडि़त कर्मचारी के पक्ष में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सर्किट बेंच बीकानेर लगाई थी गुहार
बीकानेर। रेलवे स्टेशन चूरू के कर्मचारी भंवर सिंह पुत्र हेमाराम जाट पद कांटे वाला ए ने 26 जुलाई 2014 को कांता खतूरिया कॉलोनी स्थित डॉक्टर श्रवण कुमार नेत्र चिकित्सालय में डॉ रणजीत सिंह बेनीवाल से अपनी बांई आँख का ऑपरेशन करवाया था। इस ऑपरेशन के लिए भंवरसिंह ने अस्पताल को 18000 का भुगतान किया था। भंवरसिंह की आँख का ऑपरेशन असावधानी लापरवाही व गफलत बाजी से किया गया जिसके चलते उसकी बाई आंख की ज्योति चली गई। इस पर भंवरसिंह ने जयपुर व दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में दिखाया तो पता चला कि उसकी आंख में ज्योति वापस आना संभव नहीं है। इस समस्या के चलते कर्मचारी भंवरसिंह को रेलवे में वर्तमान पोस्ट से अनफिट कर दिया और ए-2 की बजाए सी कैटेगरी में डाल दिया। साथ ही ग्रेड-पे भी 2400 से घटाकर 1800 कर दिया।

एसकेआई अस्पताल व डॉ. रणजीतसिंह बेनीवाल की इस लापरवाही के चलते कर्मचारी को मजबूरीवश भंवरसिंह को समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी। इसके चलते कर्मचारी को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। कर्मचारी ने एडवोकेट द्वारकादास पारीक के द्वारा राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सर्किट बेंच बीकानेर के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। आयोग ने पत्रावली में संलग्न तमाम दस्तावेजों व साक्ष्यों का अवलोकन कर कर्मचारी के पक्ष में रुपए बीस लाख का अवार्ड पारित किया।

उक्त मामले की बहस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से एडवोकेट द्वारकादास पारीक ने की। बहस सुनकर आयोग के अध्यक्ष सदस्य न्यायिक कमल कुमार बागड़ी तथा सदस्य शोभा सिंह ने विपक्षी संख्या एक डॉक्टर रणजीत सिंह बेनीवाल को रुपए 15 लाख एवं विपक्षी संख्या नंबर दो डॉक्टर श्रवण कुमार नेत्र चिकित्सालय बीकानेर को पाँच लाख का परिवाद प्रस्तुति दिनांक 27 जनवरी 2016 से 9′ वार्षिक ब्याज की दर सहित 2 माह में अदा करने का करने का आदेश पारित किया है।