– दोनों विश्वविद्यालय के के रूप में कार्य करेगा यह समझौता ज्ञापन धर्म, अध्यात्म, सामाजिक संस्कृति विषयों पर दोनों विश्वविद्यालय इस “आध्यात्मिक सेतु” के माध्यम से करेंगे सांस्कृतिक आदान-प्रदान
– सांस्कृतिक आदान-प्रदान से विश्व विश्वविद्यालय बनेंगे सशक्त, शिक्षा और संस्कृति के समन्वय से तकनीकी शिक्षा होगी और सशक्त : कुलपति प्रो. एच.डी.चारण
बीकानेर, ओम दैया ।एक बार प्रदेश के विद्यार्थी पुनः अपनी सभ्यता संस्कृति और आध्यात्मिक से रूबरू होंगे, तकनीकी शिक्षा में आध्यात्मिक का समावेश एवं साँस्कृतिक समन्वय की परिकल्पना को साकार मूर्त रूप देते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय नें प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ हाल ही में समझौता ज्ञापन सम्प्पन किया है। आधिकारिक जानकारी देते हुए विश्विद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की कुलपति प्रो.एच.डी.चारण ने के अध्यक्षता में हाल ही एक प्रतिनिधिमंडल ने ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय, माउंट आबू का दौरा किया और वहां के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर समझौता ज्ञापन सम्प्पन किया। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ मृत्युंजय और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच. डी. चारण के मध्य समझौता पर हस्ताक्षर किए गए एवं इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों ने अपने समझौता ज्ञापन एक दूसरे को हस्तांतरित किए। एएमओयू के तहत दोनों विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान करेंगे, साथ ही शिक्षा के आध्यत्म से जुड़ाव को लेकर विभिन्न नवीन पाठ्यक्रमों की कार्ययोजनाओं पर भी कार्य करेगा। कुलपति प्रो. एच.डी.चारण ने कहा की शिक्षा और अध्यात्म विज्ञान का समन्वय स्थापित कर विद्यार्थियों को एक नया माहौल प्रदान किया जा सके जिससे विद्यार्थी अपनी धर्म व सभ्यता संस्कृति के प्रति जुड़ाव महसूस कर सके और शिक्षा को संस्कार के साथ ग्रहण कर सके जिससे आने वाले समय में हमारे विधार्थी देश के भावी कर्णधार बन सके। इस एमओयू के माध्यम से विश्वविद्यालय ने प्रयास किया है कि विद्यार्थियों में एक संदेश दिया जा सके कि शिक्षा के साथ ज्ञान के संस्कृति को उन्हें अपनाना है और एक अच्छा नागरिक बनना है साथ ही अपनी सभ्यता व संस्कृति को जानना पहचानना और अपनाना है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से हमने एक प्रयास किया है कि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षकगण हमारी सभ्यता और संस्कृति को एक बार पुनः पहचानने का प्रयास करेंगे और अपने अनुसंधान के माध्यम से अपने आध्यात्मिक ज्ञान को विकसित करेंगे। हम शैक्षणिक अनुसन्धान, अकादमिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, अकादमिक परियोजनाए, विषय विशेषज्ञ व्याख्यान, सामजिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दुवारा समझौता ज्ञापन के तहत दोनों विश्वविद्यालय मिलकर सयुक्त रुप से पर कार्य करेंगे, जिससे सभी में अपनी संस्कृति के प्रति उत्तरदाइत्व की भावना विकसित होगी। निसंदेह यह एमोयू आशाजनक परिणामों के साथ शिक्षा व्यवस्था में नवाचार लाएगा। विश्वविद्यालयों का कार्य समाज,राज्य और व्यवस्थाओं की समस्याओं का प्रभावी और वैज्ञानिक हल खोजना और उच्च शिक्षा के वर्तमान मांगो की पूर्ति करना भी है। इसलिए बीटीयू ने प्रदेश के विद्यार्थियों को एक बार पुनः अपनी सभ्यता व संस्कृति से जोड़ने के लिए इस नवाचार के माध्यम से प्रयास किया है की विश्विद्यालय के विद्यार्थियों में ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्म की गंगा का नियमित प्रवाह हो।
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ मृत्युंजय ने कहा की उच्च शिक्षा में संस्कारों का होना आवश्यक है ऐसे में उच्च शिक्षा से विश्विद्यालयों का दायित्व है की व्यवस्था की मांग और शिक्षा की पूर्ति में समन्वय स्थापित करे यह यह समझौता ज्ञापन सिर्फ दो संस्थानों के बीच साझेदारी का समझौता नहीं है, बल्कि यह ज्ञान-विज्ञान,कौशल और सास्कृतिक समन्वय की दिशा में उठाया गया एक अभूतपूर्व कदम है। भारतीय सभ्यता संस्कृति और शिक्षा व्यवस्था काफी पुरातन है और अपने सांस्कृतिक स्वरूप को लिए हुए हैं। आधुनिकतम शिक्षा व्यवस्था के साथ विद्यार्थी अपनी मूल संस्कृति सभ्यता और आध्यात्मिक धर्म से इन प्रतिनिधि विमुख होता जा रहा है इस कारण उन्हें सस्कृति के तरफ मुखर करना अति आवश्यक हो गया है। इस ज्ञापन से दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों शिक्षक लाभान्वित होंगे हमारी संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि हम विद्यार्थियों ने अपनी धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा कर सकें और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाकर देश के विकास में सर्वस्व समर्पित करने के लिए तैयार कर सकें।