– यमुना नदी का सरप्लस पानी ताजेवाला हैड से लेने के लिए प्रस्ताव केन्दीय जल आयोग को भेजा
जयपुर, 8 मार्च। जलदाय मंत्री मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि यमुना नदी का सरप्लस पानी राजस्थान को ताजेवाला हैड से दिलाने के लिए केन्द्रीय जल आयोग को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस प्रस्ताव को स्वीकृत कराने के लिए पक्ष और विपक्ष के सदस्य मिलकर संयुक्त प्रयास करेें ताकि राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी मिल सके।
डॉ. कल्ला शून्यकाल में विधायक श्री राजेन्द्र राठौड़ एवं तीन अन्य सदस्यों की ओर से यमुना नदी का सरप्लस पानी राजस्थान को ताजेवाला हैेड से दिलवाने के सम्बन्ध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि ओखला हैड से हमें 1287 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए परन्तु उससे हम ज्यादा पानी ले रहे है, लेकिन ताजेवाला हैड से हमें 1917 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में हरियाणा सरकार की निरन्तर अनदेखी और उनके असहयोग के कारण हमारे हक का पानी हमें नहीं मिल रहा है। डॉ. कल्ला ने कहा कि इस संबध में उनके स्वयं के द्वारा केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह से वार्ता करने पर केन्द्रीय मंत्री ने इस संबंध में डीपीआर बनाकर भेजने की बात कही और आश्वस्त किया कि वे इस संबंध में वार्ता करेंगे तथा समाधान निकालेंगे।
डॉ. कल्ला ने बताया कि केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों से भी उन्होंने इस संबंध में वार्ता की और अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस बार पाईप लाईन के माध्यम से ताजेवाला हैड से पानी लाने की आपकी जो बात है वह उपयुक्त है और हम चाहेंगे कि इसे स्वीकृति मिले।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने तो हमें इसका सर्वे करने की अनुमति भी नहीं दी, इस कारण हमने सर्वे हैलीकाप्टर के माध्यम से करवाया। हरियाणा सरकार ने बिल्कुल सहयोग नहीं किया और हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने आश्वस्त किया कि हमने इस बारे में माह फरवरी 2021 कोे प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। प्रस्ताव को स्वीकृत करने अथवा नहीं करने की जानकारी सदन को दे दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं किया जाता है तो हम पक्ष व विपक्ष के सभी सदस्य संयुक्त रूप से मिलकर प्रयास करेंगे और राजस्थान के हिस्से का पानी लेने का प्रयास करेंगे।
इससे पहले जलदाय मंत्री ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि यमुना नदी के जल के बंटवारे के लिए 5 राज्यों के मध्य वर्ष 1994 में हुये एम.ओ.यू के अनुसार राजस्थान को 1.119 बी.सी.एम जल आवंटित हुआ। अपर यमुना रिवर बोर्ड द्वारा वर्ष 2001 में राजस्थान को वर्षाकाल में ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक एवं ओखला हैड से 1281 क्यूसेक की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जल आयोग द्वारा वर्ष 2003 में ताजेवाला हैड से आवंटित 1917 क्यूसेक पानी को हरियाणा की नहरों द्वारा राजस्थान लाये जाने हेतु प्रस्ताव पर स्वीकृति इस शर्त के साथ दी गई कि हरियाणा सरकार इस पर अपनी सहमति प्रदान करें। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2003 में सहमति हेतु एम.ओ.यू हरियाणा सरकार को भेजा गया परन्तु हरियाणा सरकार द्वारा वर्षाें से यह सहमति नहीं दी गई।
डॉ.कल्ला ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा ताजेवाला हैड से राजस्थान के हिस्से का पानी लाये जाने हेतु पाईप लाईन पर आधारित डी.पी.आर 22 फरवरी 2019 को ऑनलाईन केन्द्रीय जल आयोग को प्रस्तुत कर दी गई। परियोजना की क्रियान्विति के लिए हरियाणा को सहमति हेतु एम.ओ.यू प्रेषित किया गया है जिस पर हरियाणा की सहमति अपेक्षित है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि परियोजना की डी.पी.आर संशोधित कर पुनः 8 जनवरी 2021 को केन्द्रीय जल आयोग को ऑनलाईन प्रेषित कर दी गयी है। संशोधित डी.पी.आर के अनुसार परियोजना के प्रथम चरण की लागत राशि रुपये 14204.81 करोड़ एवं द्वितीय चरण की लागत राशि रुपये 17162.04 करोड़ (कुल लागत राशि रुपये 31366.86 करोड़) आंकी गयी है। परियोजना की संशोधित डी.पी.आर पर केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली में 2 फरवरी 2021 को प्रस्तुतिकरण दिया गया। डी.पी.आर की शीघ्र स्वीकृति हेतु प्रयास किये जा रहे है।