बीकानेर ,। द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महावीर सिंह फोगाट के यहां कुश्ती की उच्च स्तरीय तैयारी कर रही महिला पहलवान रितिका कुमारी ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली !पहलवान रितिका अपने फूफां पहलवान महावीर सिंह फोगाट के अखाड़े एकेडमी परिसर में रहकर कुश्ती का अभ्यास करती थी ।बताया जा रहा है कि हाल ही के दिनों में 14 मार्च भरतपुर मैं आयोजित हुए राज्य स्तरीय कुश्ती दंगल में रितिका प्रथम स्थान पर थी लेकिन रितिका को आयोजकों ने कहा कि तुम दूसरे स्थान पर हो रितिका यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई दंगल के दूसरे दिन ही अपने निवास स्थान आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।मीडिया व परिजनों ने रितिका की मृत्यु का कारण कुश्ती में गलत डिसीजन हार को ही माना है साथ ही साथ यह सवाल भी खड़ा होता है कि विजयश्री प्राप्त कर चुकी पहलवान को हारा हुआ क्यों और किस कारण किया गया !रितिका की मृत्यु एवं स्पर्धा मैं हुई धांधली को लेकर विधानसभा में भी मांग उठी है और कई जगह धरना प्रदर्शन व जांच की मांग करने की बात सामने आई है !रितिका बहुत ऊंचे स्तर पर ख्याति प्राप्त करना चाहती थी और वास्तविकता में अगर जिंदा रहती तो जरूर देश के लिए मेडल लाती । ज्ञात रहे रितिका ने महावीर सिंह फोगाट एकेडमी परिसर में ही फांसी के फंदे पर झूल कर अपनी आत्महत्या कर ली।
17 वर्षीय रितिका का अंतिम संस्कार झुंझुनू जिले के जैतपुर गांव में किया। बीकानेर के गणमान्य पहलवानों ने रितिका की आत्मशांति प्रार्थना कर रहे हैं और साथ ही साथ इस घटनाक्रम को लेकर सभी के दिलों में रोष भी है ।रोष प्रकट करने वालों में पटेल बालविहार व्यामशाला संचालक एवं कुश्ती संघ सचिव जगन पूनिया,उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चौहान,प्रदीप कुमार स्वामी (प्रदीप कमांडो),मांगेराम पूनिया, संघम के पहलवान महावीर कुमार सहदेव आदि ने अपने अपने आत्मीय भाव से स्वर्गीय पहलवान रितिका को श्रद्धांजलि भी दी है।इस अवसर पर पहलवान जगन पूनीयां ने बताया कि की हर खिलाड़ी की हर खेल में हार जीत होती है लेकिन जीतने वाले खिलाड़ी को अचानक से हार की माला पहनाना बिल्कुल गलत है खेल में अगर ऐसा होगा तो खेल व खिलाड़ी दोनों का ही विकास संभव नहीं है ।मैं इस प्रकार खेलों में गलती करने वालों के बिलकुल खिलाफ हूं और मांग करता हूं कि इसकी जांच हो और रितिका को न्याय मिले।बीकानेर जिला कुश्ती संघम रितिका के परिजनों के साथ हैं और न्याय की मांग करते हैं।