नई दिल्ली।दुनिया में कोरोना वायरस का कहर पिछले एक साल से जारी है और ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जिस पर महामारी का असर ना पड़ा हो। न्यायपालिका में लंबित मामलों की बात करें तो यहां भी महामारी की कहर बरपा है और लंबित मामले बहुत तेज गति से बढ़े हैं। एक साल वर्चुअल तरीके से संचालन के बाद भी न्यायपालिका में लंबित मामले में रिकॉर्ड बढ़ोतरी है।न्यायिक डाटा पर निगरानी करने वाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड के मुताबिक, जिला अदालतों में 31 दिसंबर 2019 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक मामलों के बैकलॉग में 18.2 फीसदी की तेज बढ़ोतरी देखी गई। पिछले साल यानी 2018-19 में ये वृद्धि मात्र 7.79 फीसदी थी और 2017-18 में 11.6 फीसदी थी।2019-20 में देश के 25 हाईकोर्ट के लंबित मामलों में 20.4 फीसदी की बढ़ोतरी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के लंबित मामलों में 10.35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट में 60,469 लंबित मामले थे लेकिन एक मार्च 2021 को यह आंकड़ा बढ़कर 66,727 हो गया। साफ शब्दों में कहा जाए 66,727 का बैकलॉग किसी सुप्रीम कोर्ट में अब तक नहीं रहा है।