– सामाजिक दाईत्वों के निर्वहन करते हुए प्रदेश के प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय आरटीयू का अनुकरणीय प्रयास 1 करोड़ की राशि का कोरोना पीडितो के मदद के लिए किया प्रावधान

– कोरोना विपदा में सामाजिक सेंवाओ के विश्वविद्यालय सशक्त माध्यम : कुलपति आर.ए.गुप्ता

जयपुर।राज्यपाल सचिवालय, राजभवन, जयपुर और राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से निर्देशन में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रोफेसर आर. ए. गुप्ता ने यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोन्सिबिलिटी के अंतर्गत वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी खतरनाक लहर के मध्यनजर कोरोना संकट से जूझ रहे मेडिकल कॉलेज कोटा को 50 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर की मदद करने की सहमति का पत्र प्राचार्य को देकर संजीवनी का कार्य किया है। सामाजिक सेवाओं में अग्रणी भूमिका को निभाते हुए राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय, कोटा ने प्रदेश में प्रथम तकनीकी विश्विद्यालय होने का गौरव प्राप्त किया है जो कोरोना पीडितो की मदद के लिए सेंवा भाव के साथ आगे आया हैं। कुलपति आर.ए.गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज कोटा प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना की कॉन्सेन्ट्रेटर के लिए अपील को तुरंत स्वीकारते हुए उन्हें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मदद देने के लिए सहमति प्रदान की। प्रो. गुप्ता के इस सामाजिक सरोकार से 50 से भी अधिक जिंदगी की अंतिमजंग लड़ रही उखड़ती साँसों को जीवनदान मिलेगा और असंख्य कोरोना पीड़ित भाई बहन लाभान्वित होंगे, विश्वविद्यालय अपनी सामाजिक सेंवाओ का विस्तार करते हुए विश्वविद्यालय ने मेडिकल कॉलेज कोटा के लिए इस संकट की घड़ी में 01 करोड़ का बजट का प्रावधान किया है ताकि आगे भी जो भी मदद संभव होगी वह विश्वविद्यालय करेगा। साथ ही कुलपति ने राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय से सम्बद्ध सभी इंजीनियरिंग कॉलेजो से अपील की है की इस राष्ट्रिय विपदा में सभी यथा संभव अपने-अपने स्तर पर मदद करे और अपने सामाजिक दाईत्वों का निर्वहन करें। प्रो. गुप्ता के इस अपील का सभी सम्बद्ध कॉलेजों ने स्वागत किया है और इसे मानव सेंवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है ।

कुलपति प्रो आर.ए.गुप्ता ने कहा की डिग्री प्रदान करने से साथ भी विश्वविद्यालयों के अपने सामजिक दाईत्व भी है, सामाजिक सरोकारों में सक्रियता प्रगतिशील विश्वविद्यालय के पहचान हैं । समय-समय पर आई राष्ट्रिय विपदाओ में विश्वविद्यालयों के भूमिकाओं को रेखांकित किया गया हैं । विश्वविद्यालयों का दायित्व है कि वे सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध करे और उसमे अपना योगदान दें । वर्तमान कोरोना महामारी और इसकी से चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों को एक सशक्त माध्यम के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करना होगा । कोरोना काल में विश्वविद्यालयों की सामजिक दायित्वों की भूमिका का उदय हुआ है, यह समय है की प्रदेश के विश्वविद्यालय मानव सेंवा के कार्य में आगे आए और इस सामाजिक अभियान का हिस्सा बनें । वर्तमान समय में हमें सामाजिक दायित्वों की उपयुक्त नीतियां और सकारात्मक वातावरण बनाकर समाज के प्रति अपने योगदान को समझाना होगा ताकि राजस्थान प्रदेश का उच्च एवं तकनीकी शिक्षा जगत कोरोना महामारी की रोकथाम में अपना योगदान दे सके। इस अभियान का विस्तार करते हुए आरटीयू कोटा ने अपने सम्बद्ध महाविद्यालयों से भी अपील की है की वे भी इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

गौरतलब है की राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा दुवारा विश्वविद्यालय दुवारा गोद लिए गए ग्राम मोरूकलाँ और छिपरदा में मास्क, राशन सामग्री, इंफ़्रारेड थर्मामीटर, मास्क, पेडस्टल सेनिटाइज़र मशीन और सेनिटाइज़र लिक्विड केन का वितरण ग्रामीणों में किया गया हैं । साथ ही महात्मा गांधी राजकीय (इंग्लिश मीडियम), वोकेशनल स्कूल नयापुरा, कोटा में स्टाफ और समस्त छात्र छात्राओं के लिए कोरोना बचाव के साधन प्रदान किए गए । स्थानीय ग्रामीणों में कोरोना संक्रमण कर प्रति जागरूकता उत्त्पन्न करने के लिए जागरूकता अभियान, शिविर व सोशियल एवं हेल्थ काउंसलिंग कार्यक्रमों का कुलपति के निर्देशन में सफल आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की टीम दुवारा निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों भ्रमण कर इसका प्रचार-प्रसार किया गया। कोरोना संक्रमण के प्रति आम जन में जागरूकता लाने हेतु कुलपति प्रो. गुप्ता दुवारा चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन कर इस सामाजिक अभियान को चलाया गया जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों दुवारा काफी सराहा गया हैं ।