– हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारिता व पत्रकारों का आत्म विश्लेषण

पत्रकारिता एक धर्म है। इसके अपने नैतिक दायित्व है। पत्रकार समग्र रूप से व्यवस्था, सरकार , समाज और राष्ट्रीय जीवन पर अदृश्य रूप में व्यापक प्रभाव डालता है। उसमें समाज, राष्ट्र और जनहित में सच कहने का मादा होना चाहिए। अगर पत्रकार निष्पक्ष, निर्भीक, समाज के हितों की चिंता करने वाला हो तो ही पत्रकारिता की साख बनती है। तभी पत्रकार को समाज आदर की दृष्टि से देखता है । अगर पत्रकार राजनेताओं और धन्ना सेठों का पिछलग्गू, सरकारों और प्रशासन का पक्षपाती है और अपने हितों के लिए पत्रकारिता धर्म को भृष्ट करता है तो पूरे पत्रकार जगत को समाज हेय दृष्टि से देखता है। हिन्द पत्रकारिता दिवस (30 मई ) पर भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में जाएं तो पत्रकारों की भूमिका स्वतन्त्रता सेनानियों, देशभक्तों से कम नहीं रही है। आजादी के बाद भी पत्रकारिता ने लोकतांत्रिक भारत के विकास में महत्ती भूमिका निभाई। आज पत्रकारिता की साख पहले जैसी नहीं है। पत्रकारिता के लिए समाज क्या क्या उपमाएं देने लगे हैं पीत पत्रकारिता, गोदी पत्रकारिता….। यह सच है कि पत्रकारिता बाजारवाद और राजनीति की पिछलग्गू ही नहीं कई तरह के आरोपों के घेरे में है।

आज समाज में पत्रकारों की भी क्या साख है कहने की जरूरत नहीं है। इसका क्या कारण है – पहला तो आज के पत्रकारों को इन सब तरह के कर्तव्य औऱ दायित्वों का प्रशिक्षण और संस्कार नहीं है। पत्रकारिता संस्थान औद्योगिक घराने हो गए हैं। उनके अपने व्यावसायिक हित है। पत्रकारिता के मूल उद्देश्य इन व्यावसायिक हितों में गोण हो गए हैं। यह कोई पत्रकारों और पत्रकारिता की आलोचना की बात नहीं है, बल्कि पत्रकार जिन विसंगतियों की बखियां उधेड़ते हैं वो ही विसंगतियां पत्रकारिता में भी घर कर गई है। अनजाने में पत्रकार लाइजनिंग का धंधा करने लगे हैं। पत्रकारिता का मूल कर्तव्य ताक पर रख दिया है। क्या इससे पत्रकार और पत्रकारिता की साख बनेगी ? क्या ऐसे पत्रकार राष्ट्र, समाज का भला और जनहित की पत्रकारिता कर सकेंगे ? देश और पूरी मानव जाति संकट में है। कोरोना महामारी ने मानव जीवन और संपूर्ण व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। आने वाले वर्षों में इसके दूरगामी प्रभाव अवश्यसंभावी है। ऐसे संकट में पत्रकारिता को सभी कठिनाइयों और विडम्बनाओं के होते हुए भी अपने धर्म में लौटने की जरूरत है। तभी पत्रकार औऱ पत्रकारिता की साख बचेगी।