जयपुर ।12 मई,2017 को सवाई माधोपुर निवासी श्रीमती गुंजन शर्मा ने थाना कोतवाली सवाई माधोपुर में रिपोर्ट पेश की जिस पर अभियोग दर्ज हुआ। महानिदेशक पुलिस, राजस्थान, जयपुर के आदेश पर गुंजन शर्मा की रिपोर्ट पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन, जयपुर में प्रकरण दर्ज किया गया। फेसबुक पर रेबेका क्रिस्टीन (Rebecca Christine) नाम की विदेशी महिला ने दोस्ती कर गुंजन शर्मा से वार्तालाप प्रारम्भ की। स्वयं को कैंसर से पीड़ित होना तथा पति की मृत्यु जाना बताया।उसके परिवार में कोई नहीं है एवं उसके पास 3.9 मिलियन डालर की सम्पति है जिसे वह परिवादिया के नाम करवाना चाहती है ऐसा उसने फेसबुक की चैटिंग के दौरान बताया।
इसके पश्चात उसने परिवादिया को बताया कि मेरा वकील बारमेक्स व भारतीय प्रतिनिधि बैन जाॅनसन आपस आगे की प्रक्रियां के लिये संपर्क करेंगे। तत्पष्चात फोरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट की तरफ से ईमेल आया एवं बैन जाॅनसन नाम के प्रतिनिधि ने संपर्क करके इंटरनेशनल माॅनिटरिंग फंड के नाम से लगने वाला चार्जेज व अन्य औपचारिकताओं के नाम पर तथा हवाला के जरिये प्राप्त होने वाले डाॅलर जिसपें हमारी कम्पनी की एक मोहर लगी हुई होगी उसको साफ करने के लिये विशेष प्रकार का केमिकल खरीदने के नाम पर रेबेका क्रिस्टीन नाम की विदेशी महिला द्वारा भेजे गये महंगे गिफ्ट जिसमें डाॅलर, पौण्ड व गोल्ड जो कस्टम ऑफिस के द्वारा पकडें जाने एवं उसको छुडवाने हेतु कस्टम ड्यूटी इत्यादि के नाम पर, विदेष से प्राप्त होने वाली राशि पर आरबीआई की तरफ से लिया जाने वाला शुल्क के नाम पर, प्रोसेसिंग फीस, वकील का खर्चा इत्यादि के नाम पर करीब 2.5 करोड रूपये विभिन्न 55 बैंक खातो में परिवादिया से जमा करवाये गये ।
दौराने अनुसंधान तकनिकी विधियों का प्रयोग करते हुये एवं मुखबीर सुरागरसी के आधार पर आरोपी नीरज सुरी पुत्र केदार सुरी, निवासी बिहार हाल शिव विहार, नियर रावत फार्म हाउस, बद्रीपुर, देहरादून, उतराखण्ड ज्ञात किया गया। पहचान किये गये आरोपी की गिरफ्तारी हेतु उप महानिरीक्षक पुलिस एसओजी शरत कविराज के निर्देशन एवं थानाधिकारी साईबर क्राईम उमेश निठारवाल उप अधीक्षक पुलिस के सुपरविजन में 17 जून को एसआई गजेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में गई टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये योजनाबद्ध तरीके से फर्जी पते के आधार पर फर्म खोलकर फर्म के नाम से खाते खुलवाने वाले आरोपी नीरज सुरी को उसके ऑफिस मसूरी, देहरादून से दस्तयाब किया जाकर बाद अनुसंधान गिरफ्तार किया गया।

दौराने अनुसंधान ज्ञात हुआ कि आरोपी ने एक फर्जी सीए कार्ड बनाकर दिल्ली, मसूरी व देहरादून में ऑफिस खोलकर लोगो को लोन दिलाना, जीएसटी, आईटीआर, पेनकार्ड, आधार कार्ड बनाकर उन्ही डाॅक्यूमेंटो से फर्जी बैंक खाते खोलने के लिये दस्तावेज तैयार करता था तथा नाइजीरियन लोगों के साथ मिलकर उनको बैंक खाते उपलब्ध करवाकर अधिक कमीशन कमाने का कार्य करता था। आरोपी नाईजिरियन मूल के विदेशियों के साथ गिरोह बनाकर विभिन्न व्यक्तियों के फर्जी पहचान से फेसबुक रिक्वेस्ट भेजकर उनको अपने जाल में फंसाता था तथा उन्हे गिफ्ट व बडी राशि ईनाम देने के झांसे देकर ठगता था। आरोपी द्वारा पुलिस की पकड से दूर रहने के लिये पिछले 5 वर्षो में 6 विभिन्न जगहो पर ऑफिस खोले। आरोपी से प्रकरण में अनुसंधान जारी है जिससे अन्य खुलासे होने की संभावना है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी, राजस्थान जयपुर ने साइबर अपराध से बचाव हेतु जनहित में अपील की है कि “किसी भी अनजान व्यक्ति के प्रस्तावों व ऑफरों के प्रलोभन में नहीं आये। राशि दुगनी करने, लॉटरी लगने, इन्शोरेन्स पॉलिसी, सस्ते लोन उपलब्ध कराने आदि के लालच में नहीं आयें, किसी को ओटीपी नहीं बतावें, अनजान व्यक्ति से अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करें। फेसबुक पर रूपयों की मांग पर रूपये ट्रांसफर नहीं करें। लालच भरे संदेशो व लिंक पर बिल्कुल ध्यान नहीं देवें। ऑनलाईन धोखाधडी़ होने की स्थिति में तुरंत संबंधित बैंक को सूचित करें तथा हैल्प लाईन 155260 व 100 नंबर पर शिकायत दर्ज करावें ‘‘।