देशों में चुनिंदा शहरों में मानव जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के साधन संसाधन बनाते हैं। शहरों में खुली जगह में छोटे-छोटे वाटर बॉडी बनाने से जमीन का वाटर लेवल ऊपर आ जायेगा। बच्चों को और बड़ों को खेलने के लिए आबादी अनुपात से इनडोर और आउटडोर व्यवस्था हो। शहर में जगह जगह वाचनालय होना चाहिए ताकि बच्चे और बड़े ज्यादा से ज्यादा लिटरेचर पढ़ सकें। शहर के आसपास रमणीक और पिकनिक स्पाट को सभी सुविधा युक्त व्यवस्थित करना चाहिए खासकर टॉयलेट और पीने के पानी की व्यवस्था जरूर हो। शहर में ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट होना चाहिए। जनता साइकिल पर आना जाना सीखें जिससे ट्राफिक और पर्यावरण दोनों सुधरेंगे। प्रमुख सड़के, वाटर बॉडीज के किनारे फलदार वृक्ष लगाना चाहिए। कारपोरेशन द्वारा जहरीले पौधे की जानकारी, पानी की बचत, वाटर रिचार्जिंग और किचन गार्डन पर सलाह और पर्चे बांटना चाहिए। शहर में ऑडिटोरियम और गार्डन की भरकर भरमार हो। मास्टर प्लान में पहाड़, खाई खंदक, नदी, तालाब इन सब जगह को नेचर रिजर्व रखे ताकि अन्य जीव भी पल सके। अंतरिक्ष सेंटर हो जहां दूरबीन से अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। स्कूल मैं नैतिक शिक्षा और व्यायाम के पीरियड आवश्यक रूप से हो। शहर में आगजनी और तोड़फोड़ करने वालों को कड़ी सजा दे।जगह-जगह कैमरे और मॉनिटरिंग सिस्टम हो ।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पर्यावरणविद)

