

बीकानेर , ( ओम एक्सप्रेस )। गंगाशहर के शांति निकेतन में विराजित साध्वी श्री पावनप्रभा जी और जैन महासभा के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जैन लूणकरण छाजेड़ के कर-कमलों से लेखिका श्रीमती दीपिका तिवारी के कहानी संग्रह सतोलिया का गणमान्य नागरिकों के समक्ष विमोचन किया गया।
कहानी संग्रह की लेखिका दीपिका तिवारी तथा पुस्तक के भाषा व्याकरण शुद्धि का कार्य करने वाली हिन्दी की व्याख्याता श्रीमती रेणुबाला चौहान को श्रीमती संजू लालानी और रेणु बाफना ने जैन पताका पहनाकर व साहित्य भेंट कर सम्मानित किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जैन लूणकरण छाजेड़ का शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया।
साध्वी पावनप्रभाजी ने अपने उदबोधन में लेखिका और उपस्थित श्रोताओं व्यक्तित्व को उभारने के लिए सृजनधर्मिता विकसित करने के लिए अधिक से अधिक साहित्य पढ़ने का संदेश दिया। साथ ही लेखिका के परिजनों को जीवन मे अणुव्रत संकल्पों को अंगीकार करने , व्यसन मुक्त जीवन जीने और श्रेष्ठतम नागरिक बनने की प्रेरणा दी।
पत्रकार श्री छाजेड़ ने कथासंग्रह की कहानियों की विषिठताओं पर प्रकाश डालते हुए सतोलिया की उपयोगिता बताते हुए लेखिका को साहित्य जगत में प्रवेश की शुभकामनाएं दी। छाजेड़ ने कहा कि रचनाकार की समाज में व्याप्त विभिन्न विषयों पर गहरी नज़र दिखायी देती है । छाजेड़ ने कहा की मोबायल व सोशल मीडिया के चलते दादी व नानी की कहानियां अब बंद सी हो गयी है। उन्होंने कहा की कहानियों को पढ़ने से हिन्दी अच्छी होगी तथा संस्कार व संस्कृति भी पल्ल्वित होगी। कहानी की आवश्यकता प्रत्येक व्याख्यानकार , उपदेशक , कथावाचक व भाषणकर्ता को होती है। जब तक उनकी अभिव्यक्ति में कहानी का उल्लेख नहीं होगा श्रोता संतुष्ट नहीं होंगे। साथ ही तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री अमर चंद जी सोनी, तिलोक चन्द बाफणा , चन्द्र राखेचा ने आगन्तुकों का साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम में मदनगोपाल तिवारी , विशाल सोलंकी सहित अनेक लोग उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री जैन कन्या महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय के डॉ. धनपत जैन ने किया।
